सीकर राजस्थान

रामशरण डाबी को 18 साल बाद मिला न्याय
बदमाशो ने कैदी को पेशी पर ले जाते समय पुलिसकर्मी को गोली मारकर छुड़वाया था

पाटन सीकर  निकटवर्ती ग्राम हसामपुर के निवासी जेल पहरी रामशरण डाबी की नीमकाथाना में हत्या कर बंदी को भगाने के 18 साल पुराने चर्चित मामले में अपर जिला सेशन न्यायाधीश गोविंद बल्लभ पंत ने को दो आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई।तो पुलिसकर्मी के घरवालो व विभाग को थोड़ा सकुन मिला लेकिन  वही चार आरोपियों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया। अपर लोक अभियोजक MD मीणा ने बताया सांवलपुरा शेखावतान निवासी आरोपीत कुख्यात डकैती करने वाला बीरबल मीणा व शाहपुरा निवासी आरोपित शंकर लाल मीणा को कोर्ट ने दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास व 5-5 हजार रुपयों का अर्थदंड भी लगाया है। मामले में प्रभाती देवी प्रभो, गुलाबी देवी खेमचंद सूरिया उर्फ श्योनारायण को संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त किया गया है ।

यह है पूरा मामला:- आज की सत्ता

वर्ष 2000 मार्च माह में सुबह जेल से पुलिस के जवान कैदी बीरबल मीणा को पेशी पर ले जा रहे थे। इसी दौरान बीच रास्ते गाड़ी में सवार होकर आए दर्जन भर बदमाशों ने पुलिस पर गोली मार व तलवारों से हमला कर कैदी को छुड़ा ले गए थे। लोगों ने उसे अस्पताल में भर्ती करवाया। गंभीर चालानी गार्ड की इलाज के लिए जयपुर ले जाते वक्त अजीतगढ़ के पास  चालानी गार्ड रामशरण ने दम तोड़ दिया था। इस पर पुलिस ने बदमाशों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी । पुलिस ने एक-एक कर 10 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था।
परिवार में खुशी का माहौल
अपने पिता को खो चुके विजय कुमार डाबी ने बताया कि आज का दिन हमारे लिए बहुत ही सकुन भरा दिन है। जो न्यायालय ने हमारे पिता की शहादत को याद रखा व एक अहम फैसले को सुनाकर बदमाशो के दिल में खौफ पैदा कर दिया। हमें यह फैसले की सूचना पाकर बहुत ही खुशी हुई है। शहीद के छोटे भाई प्रदीप कुमार डाबी भी राजस्थान सरकार में न्यायिक मजिस्ट्रेट के पद पर कार्यरत हैं।
बबलू सिंह यादव आज की सत्ता ब्यूरो चीफ सीकर राजस्थान
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