आज की सत्ता इलाहाबाद : परिषदीय स्कूल व कार्यालयों में व्यवस्था सुधार की मुहिम परवान नहीं चढ़ रही है। वरिष्ठ अफसर शिक्षक बनकर पाठ पढ़ा रहे हैं लेकिन, मातहत पुराने र्ढे पर हैं। इसका अंदाजा अंतर जिला तबादले पर पहुंचे शिक्षकों की तैनाती से ही लगाया जा सकता है। एक माह से शिक्षक स्कूल आवंटन की राह देख रहे हैं और अफसर पदस्थापन के लिए वरिष्ठ अफसरों से नियम पूछ रहे हैं।

बेसिक शिक्षा परिषद सचिव संजय सिन्हा ने रविवार को सभी बीएसए को पदस्थापन के संबंध में विस्तृत निर्देश दिया है। इसमें कहा गया है कि कई बीएसए दूसरे जिले से आए शिक्षकों की तैनाती कैसे करें इसको लेकर असमंजस है। सचिव ने निर्देश दिया है कि पदस्थापन के लिए शिक्षकों की पहली नियुक्ति के अनुसार सूची बनाई जाए। यदि एक ही तारीख में दो शिक्षकों की नियुक्ति हुई हो तो शिक्षक की जन्म तारीख देखी जाए। यदि कई शिक्षकों की जन्म तारीख भी समान हो तो नाम के अल्फाबेटिकल आर्डर में पदस्थापन की सूची तैयार की जानी चाहिए। आदेश में यह भी कहा गया है कि शिक्षकों की तैनाती के लिए स्थानांतरित जिले में अध्यापक की ज्येष्ठता बेसिक अध्यापक सेवा नियमावली 1981 के नियम 22 में प्रावधान की गई व्यवस्था के अनुरूप की जाएगी।

नियम 21 के उपबंधों के अनुसार किसी शिक्षक को एक स्थानीय क्षेत्र से दूसरे स्थानीय क्षेत्र में स्थानांतरित कर दिया गया हो तो ज्येष्ठता में उसका नाम स्थानांतरण का आदेश जारी किए जाने वाली तारीख से वहां के स्थानीय क्षेत्र के शिक्षकों की सूची में सबसे नीचे रखा जाएगा। ऐसा व्यक्ति किसी प्रतिकर का भी हकदार नहीं होगा। उन्होंने बीएसए को निर्देश दिया है कि पारदर्शी तरीके से दिव्यांग, महिला व अन्य अध्यापकों का पदस्थापन किया जाये।

देवेन्द्र प्रताप सिंह कुशवाहा ब्यूरों चीफ उत्तर प्रदेश
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