डीपीईपी योजना से लगी याचिकर्ता को प्रशिक्षित वेतनमान और नियमतिकरण की मांग के प्रत्यावेदन को राज्यसरकार दो माह में निस्तारित करे। जस्टिस एसपी केशरवानी


इलाहाबाद हाईकोर्ट में जस्टिस एसपी केशरवानी ने कल एक रिट संख्या 15193 / 2018 श्रीमती नीलिमा चन्देल निवासी कानपुर देहात वनाम उत्तर प्रदेश सरकार 2 अन्य की रिट पर सुनवाई करते हुए राज्यसरकार को 2 माह में प्रार्थनापत्र का निस्तारण करने का आदेश जारी किया कोर्ट ने माना की याचीकर्ता नीलिमा चन्देल की नियुक्ति सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत मानव संसाधन विकास विभाग भारत सरकार की योजना डीपीईपी से हुई है याचिकर्ता को पदनाम शिक्षामित्र देने से राज्यसरकार की योजना से नही जोड़ा जा सकता है। याची की नियुक्ति 20 सितम्बर 2001 में हुई है उसके पास नियुक्ति के समय स्नातक योग्यता थी और भारत सरकार की छूट के आदेश पर सेवारत बीटीसी प्रशिक्षण भी 2013 में कर चुकी है।
राज्यसरकार के वकील एव बेसिक शिक्षा विभाग के वकील ने सरकार और विभाग का पक्ष रखा याचीकर्ता के वकील जलज कुमार कुशवाहा एव राय साहब यादव ने कोर्ट को बताया शिक्षामित्र समायोजन के शासनादेश से याचीकर्ता covered नही है 25 जुलाई 2017 शिक्षामित्र समायोजन रद्द निर्णय में माननीय सुप्रीमकोर्ट ने  सर्व शिक्षा अभियान से लगे शिक्षामित्रो का कोई उल्लेख नही किया है। याची के वकील कुशवाहा ने पूर्व में जस्टिस एमसी त्रिपाठी के द्वारा किये गये आदेश मधु वनाम राज्यसरकार रिट 8777/2018 का हवाला दिया याची के वकील की बात पर जस्टिस महोदय ने सरकार के वकील से पूछा डीपीईपी भारत सरकार का प्लान है य राज्यसरकार की शिक्षामित्र योजना सरकारी वकील ने कोई तर्क नही दिया बेसिक शिक्षा के वकील पंकज कुमार सिंह ने कहा भारत सरकार की कई योजनाये है डीपीईपी योजना सर्व शिक्षा अभियान से संचालित है।
जस्टिस केशरवानी ने याचिकर्ता की मांग को सही माना और याचिकर्ता नीलिमा चन्देल के प्रत्यावेदन पर दो माह में प्रशिक्षित वेतनमान एव नियमतिकरण पर निर्णय लेने का  आदेश प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा को जारी किया।

देवेन्द्र प्रताप सिंह कुशवाहा
Share To:

Post A Comment: