(संवाददाता) चौधरी राकेश कुमार निर्मल की खास रिपोर्ट  आज की सत्ता



रायबरेली (ब्यूरो)- ग्रामसभा सेरी, विकास खण्ड हरचन्दपुर, जिला रायबरेली के ग्रामीणों ने ग्राम प्रधान सन्तराम व ग्राम सभा के कोटेदार हरीशचन्द्र शुक्ल के विरूद्ध एक शिकायत ग्राम पंचायत सदस्य नरेश पासी के नेतृत्व में उपजिलाधिकारी प्रदीप वर्मा से मिलकर की। ग्रामीणों ने दिये गये शिकायती पत्र में लिखा है कि हम सभी प्रार्थीगण ग्राम-सेरी, विकास खण्ड-हरचन्दपुर, जिला रायबरेली के निवासी हैं।

ग्राम प्रधान सन्तराम पाल व कोटेदार हरिश्चन्द्र शुक्ल एक-दूसरे की मदद से गाँव सभा का लाखों रूपये का नुकसान कर चुके हैं, कई लोगों से पेंशन के नाम पर पैसा वसूला है और अभी तक पेंशन नहीं बँधवाई है तथा आवासों में धन लेकर आवास अधूरे बनवाये हैं तथा आवासों में सोलर लाईट व शौचालय नहीं बनवायी है तथा शिकायत करने पर मरवा देने की धमकी देते है, गाँव के इण्डिया मार्का हैण्ड पम्पों की मरम्मत नहीं करायी है तथा मरम्मत का पैसा निकाल लिया है गाँव में जूनियर हाईस्कूल की बाऊण्ड्री बनने के लिए आयी परन्तु ग्राम प्रधान ने मौरंग को अपने घर में उठवाकर अपनाघर बनवा लिया है तथा पंचायत भवन के पंखे, खिड़की व लाईटें अपने घर में लगवा लिया है तथा विद्यालय की शौचालय की पानी की टंकी को अपने घर के शौचालय के ऊपर लगा रखा है तथा गाँव में किसी तालाब में न ही खुदाई करायी है और न ही पानी भरवाया है, मात्र 30 मीटर के लगभग इण्टरलाकिंग लगवायी है, जिसमें अपने घर का टूटा-ईटा व मिट्टी डलवाकर सड़क बनवायी है जो मानक के अनुसार नहीं है।

गाँव की नालियों में गन्दगी भरी पड़ी है, कोई सफाई नहीं करायी जाती है तथा सफाईकर्मी से पैसा लेते हैं, गाँव में गन्दगी का अम्बार लगा है, तालाब की जमीन पर ग्राम प्रधान ने कब्जा कर रखा है, गरीब व पात्र व्यक्तियों को शासन की योजनाओं का लाभ नहीं मिलता है तथा गाँव के कोटेदार हरिश्चन्द्र शुक्ल हैं, जो गाँव के लोगों को राशन नहीं देते हैं तथा कोटे का राशन प्रधान की शह से बेंच लेते हैं तथा गरीब लोगों के राशन कार्ड कटवा दिया है, जिससे गरीब व्यक्ति राशन पाने से वंचित हो रहे हैं, लाखों रूपये के पेड़ ग्राम प्रधान व कोटेदार ने तालाब के बेंच दिये हैं, इस बाबत एक जुलाई 2018 को जिला पूर्ति अधिकारी रायबरेली को प्रार्थना -पत्र दिया तथा चार जुलाई 2018 को खण्ड विकास अधिकारी हरचन्दपुर रायबरेली को प्रार्थना-पत्र दिया, किन्तु आज तक किसी भी प्रकार की कार्यवाही न होने से प्रधान एवं कोटेदार के हौसले बुलन्द हैं। ग्रामीणों ने उपजिलाधिकारी से माँग की कि प्रधान के वित्तीय अधिकारों पर रोक लगायी जाए तथा कोटेदार का कोटा निरस्त किया जाए।
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