लखनऊ : अपर प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा डॉ० प्रभात कुमार ने ऐसे ही कई सवालों का जवाब राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद यानी एससीईआरटी ने निदेशक सजंय सिन्हा से मांगा है। अफसरों के रिपोर्ट तैयार करने से पहले ही शिक्षकों ने सोशल मीडिया के जरिए बेसिक शिक्षा में सुधार के बिंदु दे दिये हैं जिसमें जोर देकर कहा गया है कि स्कूलों को भोजनालय, सूचना व चुनाव केंद्र न बनाओ सुधार दिखने लगेगा। सोशल मीडिया पर बेसिक शिक्षा सुधार कॉलम में शिक्षकों ने अपना नाम, पता गोपनीय रखकर वह बातें भी लिखी हैं जिनसे शिक्षक असहज हैं। भले ही विभागीय अफसर इन स्कूलों में तमाम सुविधाएं देने का दावा कर रहे हैं लेकिन शिक्षकों ने उन सुविधाओं को भी आइना दिखाया है। सारी बातें शिक्षकों ने बिंदुवार दी हैं। एससीईआरटी भले ही एक सप्ताह बाद इस संबंध में शासन को रिपोर्ट देगा लेकिन शिक्षकों ने सुधार करने की बातें विस्तार से कहीं हैं। कक्षा एक से पहले नर्सरी आवश्यक है मध्यान्ह भोजन से अध्यापक मुक्त हो साल भर मांगी जा रही सूचनाएं देने के लिए संविदा पर  लिपिक तैनात हो संविदा शिक्षकों का मानदेय बढ़ाया जाये इससे वह फ्री माइंड बच्चों को पढ़ाने का कार्य मन लगाकर करेगे स्कूलों में मानक के अनुरूप शिक्षक हों शिक्षक चाहे संविदा का हो उसे भी मानक अनुसार घर के नजदीक तैनाती दी जाये शिक्षक विषयवार भी रखेंगे जा सकते है और छात्र संख्या के आधार पर भी रखा जा सकता है। सत्र जुलाई से शुरू हो इसके पहले ही पुस्तक, ड्रेस उपलब्ध कराया जाए ड्रेस विभाग दे अध्यापक न खरीदें स्कूलों में बिजली, पानी, पंखा व फर्नीचर जैसे इंतजाम किए जाएं शिक्षकों की यथा संभव निवास स्थान के करीब या विकल्प लेकर तैनाती किया जाये। निरीक्षण के नाम पर शोषण रुके, बिना नोटिस व स्पष्टीकरण लिए वेतन मानदेय रोकने व काटने पर अंकुश लगे बच्चों को अन्य लाभ बच्चों की स्कूल उपस्थिति पर ही मिले बेसिक के सभी कार्यालयों में सिटीजन चार्टर लागू करके कड़ाई से अनुपालन हो ताकि शिक्षकों को दौड़ना न पड़े। हाउस होल्ड सर्वे व स्कूलों में प्रवेश की जिम्मेदारी आंगनबाड़ी की हो, बच्चा न्यूनतम दक्षता लेकर कक्षा एक में पहुंचे। इन बिन्दुओ पर अगर शासन विचार करे तब बेसिक शिक्षा में एक साल के अंदर बदलाब दिखने लगेगा।

आज की सत्ता ब्यूरो लखनऊ
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