आज की सत्ता ब्यूरो : इलाहाबाद  प्रदेश सरकार डेढ़ लाख बीपीएड धारकों को मानदेय पर अनुदेशक बनाने तक को तैयार नहीं है। 32022 पदों पर चयन की प्रक्रिया 14 माह से रुकी है। हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने भर्ती का आदेश दिया तो सरकार डबल बेंच में पहुंच गई। बड़ी बेंच ने भी भर्ती का आदेश दिया है लेकिन, अनुपालन नहीं हो रहा है। बेसिक शिक्षा परिषद के उच्च प्राथमिक स्कूलों में खेल अनुदेशकों की भर्ती के लिए करीब तीन वर्ष से बीपीएड बेरोजगार संघर्ष कर रहे हैं। अखिलेश सरकार में 49 दिन तक आंदोलन चला, तमाम बेरोजगारों को जेल भेजा गया। गुस्सा कम न पड़ने पर सरकार झुकी। 32022 खेल अनुदेशकों को 11 माह के लिए सात हजार रुपये मानदेय पर रखने का रास्ता निकला। भर्ती के लिए आवेदन भी लिए गए। विभिन्न जिलों में 153739 ने ऑनलाइन दावेदारी की। सरकार बदलने पर अफसरों ने भर्ती की समीक्षा के नाम पर रोक लगाई और महीनों इस पर विचार नहीं किया। अभ्यर्थी हाईकोर्ट पहुंचे। न्यायालय ने नियुक्ति करने का आदेश दिया तो सरकार ने इसके खिलाफ डबल बेंच में अपील की। वहां भी जीत बेरोजगारों की हुई, इसके बाद भी काउंसिलिंग कराकर नियुक्ति नहीं हो रही है। बीपीएड बेरोजगार संघ के पंकज यादव कहते हैं कि प्रदेश में ऐसे बेरोजगारों की संख्या करीब ढाई लाख से अधिक है, लंबे समय से उनकी भर्ती नहीं हुई है। हर साल प्रशिक्षण करके अभ्यर्थी निकल रहे हैं। परिषदीय स्कूलों में ऐसे अनुदेशकों की जरूरत है, फिर भी अनदेखी हो रही है।
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