हो सकता है मुझे गलत दिखाई देता हो लेकिन मुझे यह दिखाई देता है कि खाता पीता अधिकांश सवर्ण बहुत कट्टर हिन्दू है या फिर कट्टर होने का ढोंग करता है क्योंकि उसके पास पुरखों की दौलत है या सरकारी नौकरी से होने वाली मोटी आमदनीं है या फिर सरकार या राजनीतिक दलों के सहयोग से आमदनीं का जरिया है नाश्ते में मुनक्का बादाम अखरोट चिरौजी गाढ़े गाढ़े दूध के साथ खाने पीने का इंतजाम है |

सोंचना तो उन सवर्णो को है जिन्हें बादाम का काम मूंगफली से चलाना पड़ रहा है या मूंगफली भी मुश्किल से जुटा पा रहे हैं | मुझे लगता है शासन सत्ता से फायदा उठाने वाले या पैदाइशी रूप से मालदार एवं गरीब सवर्णों के हितों को नजरंदाज करने वाले आपके ही बीच के यह भैय्या बिरादर ज्यादा खतरनाक हैं इनके झांसे में आने से बचना चाहिए और अपनी राह तलाशनी चाहिए।
शिव प्रताप सिंह शाहजहाँपुर की कलम से
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