नई दिल्ली : सुप्रीमकोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ जस्टिस एएम खानविलकर की पीठ ने कावड़ियों की हिंसा का जिक्र करते हुए कहा की हर सप्ताह कहीँ न कहीँ ऐसे मामले होते रहते है। कोर्ट ने निजी व सरकारी संपत्ति को तहस नहस करने का हक किसी को नही है। सुप्रीमकोर्ट की पीठ ने टिप्पणी  करते हुए कहा की शेल्टर होम में दुष्कर्म क्या बाल संरक्षण आयोग को नही पता कि क्या हो रहा है। अगर इन 3000 शेल्टर होम में दुष्कर्म होता है तो क्या आप जिम्मेदार होंगे?
सड़को पर हिंसा होने पर कोर्ट ने टिप्पणी की हम कानून में संशोधन का इंतजार नही करेगे हालात गंभीर है। हमे फर्क नही पड़ता कि हिंसा करने बालों का धर्म क्या है। ऐसी घटनाये हर हाल में रुकनी चाहिए। जिस तरह भीड़ हिंसा के मामले में आदेश पारित किया गया उसी तरह इसमे भी दिशानिर्देश जारी किये जाएगे। दिल्ली में कावड़ियों की हिंसा पर सुप्रीमकोर्ट के टिप्पणी करने के बाद भारत सरकार के अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने कोर्ट से कहा एससी-एसटी एक्ट के फैसले के खिलाफ देश में हिंसक प्रदर्शन हुए फ़िल्म पदमावत रिलीज से पहले एक समूह ने अभिनेत्री की नाक काटने की खुलेआम धमकी दी लेकिन उनका कुछ नही हुआ एफआईआर तक दर्ज नही हुई।
 अटॉर्नी जनरल ने कहा कि दिल्ली प्रदेश में डीडीए अफसरों की जिम्मेदारी तय करने के बाद अवैध निर्माण पर रोक लग गई।इस तरह सड़कों पर हिंसा उपद्रव में भी सुप्रीमकोर्ट अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करे। केंद्र सरकार ऐसे हालात से निपटने के लिए कानून में संशोधन पर गंभीरता से विचार कर रहा है।
 अटॉर्नी जनरल वेणुगोपाल की बात सुन कर सुप्रीमकोर्ट की पीठ ने कहा कि हम संशोधन का इंतजार करने के बजाय दिशानिर्देश जारी करेगे।

आज की सत्ता से सह-संपादक देवेन्द्र प्रताप सिंह कुशवाहा
Share To:

Post A Comment: