पटना रिर्पोटर : पटना साहिब से भाजपा  एनडीए के उम्मीदवार रविशंकर प्रसाद   राहुल गांधी के दक्षिण से चुनाव लडऩे पर कटाक्ष करते हुए  कहा कि राहुल गांधी जी केरल के एक बिल्कुल अल्पसंख्यक बाहुल्य क्षेत्र में संरक्षण प्राप्त करने गए है, के के एंथोनी और कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता सुरजेवाला के टिप्पणी को देखकर भी हंसी आती है,जिसमे उन्होंने कहा कि राहुल गांधी लड़ सकते थे केरल, कर्नाटका, तमिलनाडु से जिसमे उन्होंने केरल की राय दिया।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं की मांग थी कि वो दक्षिण से लड़े, लेकिन सबसे कमाल का वक्तव्य उनके गुणी मिडिया प्रभारी सुरजेवाला ने कहा कि दक्षिण भारत के संस्कृति को बचाने  के  लिए राहुल गांधी केरल से चुनाव लड़ेंगे, क्या बात है।

उन्होंने कहा कि राहुल गांधी जी आज पार्टी की ओर से आप से कुछ सवाल पूछने की इच्छा हो रही है,नरसिम्हा राव दक्षिण भारत से बनने वाले भारत के पहले प्रधानमंत्री थे, वो जब मरे तो उनका क्या तिरस्कार किया गया था, क्या उनके शव को दिल्ली पार्टी के दफ्तर में जाने दिया गया था। एन टी रामाराव का क्या हस्र किया गया, लोकप्रिय आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री एम जी रामचंद्रन जी के साथ क्या किया गया?  राहुल गांधी जी आपकी दादी जी ने तमिलनाडु के लोकप्रिय नेता खाम्राज नाडार के साथ क्या किया था। राजगोपालचारी जी के साथ क्या किया गया था, इसलिए मैं हमेशा कहता हूं कांग्रेस पार्टी जरा होमवर्क करना सीखे, राहुल गांधी जी तो होमवर्क नहीं करते है लेकिन उनकी टीम थोड़ा होम वर्क करेगी तो कांग्रेस पार्टी के चरणों के निशान मिलेंगे कि देश में क्या क्या किये है, ये एकता और संस्कृति की बात करते है, दक्षिण भारत को जोडऩे की बात करते है,जबकि कांग्रेस पार्टी ने किसी भी जमीन के नेता को दक्षिण भारत में बढऩे नहीं दिया।

उन्होंने कहा कि तमिलनाडु में कांग्रेस पार्टी आज हाशिये पर है क्यूंकि कांग्रेस पार्टी ने किसी भी जमीन के नेता को आगे बढऩे नहीं दिया, आज कह रहे है कि हम संस्कृति बचाने चले  है, राहुल गांधी जी संस्कृति कितना समझते है इसपर तो काफी बहस हो जाएगी, लेकिन जब वायनाड गए हीं है तो कृपया सबरीमाला मामले पर आपका क्या स्टैंड है, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग सवाल पूछ रही है वायनाड पर राहुल गांधी से,ये क्या है,मेरे अंगने में तुम्हारा क्या काम है,केरला के मुख्यमंत्री जी ने भी बहुत आलोचना किया है, नरेन्द्र मोदी जी को रोकने में महागठबंधन के दावा करने वाले इसके आने से पहले हीं फिसल गए है, हमारे प्रधानमंत्री जी ने एक बात कही थी कि टेबुल के टुकड़े को साटने के लिए फेविकोल ठीक होता है,लेकिन जब राजनितिक महागठबंधन बनाने के लिए अवसरवाद का फेविकोल लगाया जाता है तो वो जल्दी हीं टूट जाता है।

 उन्होंने कहा कि जब राहुल गांधी जी जा हीं रहे है तो उनकी चिंता केरल की जनता करेगी, लेकिन राहुल गांधी जी आप ये बताये कि आप तो भारत के सबसे बड़ी पुराने पार्टी जो अब सिमट गई है उसके नेता है तो आपका अपनी बहन के अलावा और कोई नहीं मिला जो आपको प्रधानमंत्री के रूप में नाम ले, अमेठी में आपकी जड़े हिल गई हैं, इसलिए वायनाड जा रहे हैं।


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