हमारे देश का तथा हमारा परम सौभाग्य है कि विश्व की अनेक आलौकिक शक्तियाँ और विभूतियाॅ भारत में ही अवतरित हुई है। इसी श्रृंखिला में भगवान श्रीराम का अयोध्या में अवतार हुआ। इस सम्बन्ध में अन्तर राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति ज्योतिष योग शोध केन्द्र, बिहार के संस्थापक दैवज्ञ पंo आरo केo चौधरी "बाबा-भागलपुर", भविष्यवेत्ता एवं हस्तरेखा विशेषज्ञ ने सुगमतापूर्वक बतलाया कि:- हर वर्ष की भांति इस वर्ष चैत शुक्ल नवमी तिथि 14 अप्रैल 2019 (रविवार) को है। इसलिए भगवान श्रीराम का जन्मोत्सव मनाया जाएगा।
पुरातन समय से चली आ रही भारतीय संस्कृति में रचे-बसे हैं श्रीराम। मानव आस्था के प्रतीक और जन जन को मानसिक शान्ति एवं सम्बल प्रदान करने वाले महानायक हैं श्रीराम।
श्रीरामजी के संबंध में आदिकवि बाल्मिकी जी ने अपनी रामायण में उनकी उदात्त चरित्र का मनोरंग ढंग से उल्लेख किया, वहीं गोस्वामी तुलसीदास जी ने सामान्य भाषा में श्रीरामजी के उदात्त चरित्र का वर्णन किया है। यूँ तो भिन्न-भिन्न भाषाओं में भगवान श्रीराम के चरित्र का उल्लेख मिलता है। इस तरह 33 रामायण उपलब्ध है। " सर्वत्र: रमते सा राम:"। ऐसा कोई स्थान नहीं जहाँ श्रीराम नहीं है। वे सर्वव्यापी एवं सर्वशक्तिमान हैं। इसीलिए गोस्वामी तुलसीदास जी रामचरित्र मानस में कहते हैं:- " श्री राम में सब जग जानी करहुॅ प्रणाम जो जुग पाणि"।
जब-जब धर्म की हानि, गौ और ब्राह्मण संकट में होते हैं तब भगवान धर्म की स्थापना गौ, ब्राह्मण के हितार्थ - विप्र, ढेनु, सूर, संत, हित अवतार लेते हैं।
चैतन्य शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मध्यान में त्रैतायुग में इच्छवाकु वंश में राजा सगर, राजा भगीरथ और राजा रघु परम्परा में 63 वें स्थान में राजा दशरथ के यहाँ पुत्रेयेष्ठि यज्ञ के उपरांत माता कौशल्या के गर्भ से भगवान श्रीराम अवतरित हुये। साथ ही माता केकैयी से भरत व शत्रुघ्न तथा माता सुमित्रा से लक्ष्मण जी अवतरित हुये और तब से ही समस्त सनातन धर्मी प्रत्येक वर्ष चैत मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को भगवान श्रीराम का जन्मोत्सव पूरे आनन्द व उल्लास के साथ मनाते आ रहे हैं, क्योंकि यह सर्वमान्य तथ्य है कि " जा पर कृपा राम की ता पर कृपा करें सब कोई"।
अखण्ड लोक के महानायक भगवान श्रीराम की कृपा समस्त प्राणियों को प्राप्त होती रहे, इसी कामनायें के साथ - मंगल भवन अमंगल हारि द्रवहुॅ सो दशरथ अजिर बिहारी।

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