नई दिल्ली. केंद्र सरकार की सुकन्या समृद्धि योजना आम आदमी में बहुत ही प्रचलित स्कीम है. इसीलिए, इस पर आने वाले हर फैसले पर आम आदमी की निगाहें टिकी रहती है. आपको बता दें कि बेटियों के लिए सरकार की लोकप्रिय स्कीम सुकन्या समृद्धि योजना में कुछ बदलाव हुए हैं. इसके कुछ नियमों को हटाया गया है. तो, वहीं उनकी जगह नए नियम लाए गए हैं. ये नियम अधिसूचित हो चुके हैं. वैसे तो स्कीम में कोई खास बदलाव नहीं हुआ है. लेकिन, जो छोटे छोटे बदलाव हुए हैं, उनके बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं.
1. अकाउंट डिफॉल्ट होने के बावजूद नहीं बदलेगी ब्याज दर
स्कीम के नियमों के अनुसार, स्कीम में हर साल कम से कम 250 रुपये जमा करना जरूरी है. अगर यह रकम भी जमा नहीं की जाती है तो उसे डिफॉल्ट अकाउंट माना जाएगा. नए नियमों के अनुसार, अगर खाते को दोबारा एक्टिव नहीं किया जाता है तो मैच्योर होने तक डिफॉल्ट अकाउंट पर स्कीम के लिए लागू दर से ब्याज मिलता रहेगा. यह खाताधारकों के लिए अच्छी खबर है. पुराने नियमों के अनुसार, ऐसे डिफॉल्ट खातों पर पोस्ट ऑफिस सेविंग्स अकाउंट के लिए लागू दर से ब्याज मिलता था. सुकन्या समृद्धि खाते के मुकाबले डाकघर बचत खातों की ब्याज दर बहुत कम है. जहां अभी डाकघर बचत खातों की ब्याज दर 4 फीसदी है. वहीं, सुकन्या समृद्धि पर 7.6 फीसदी ब्याज मिलता है.
2. कर सकते हैं समय से पहले खाता बंद
स्कीम के नए नियमों के अनुसार, बेटी की मौत की स्थिति में या अनुकंपा के आधार पर सुकन्या समृद्धि खाते को समय से पहले बंद करने की इजाजत दी गई है. अनुकंपा में खाताधारक की जानलेवा बीमारी का इलाज या अभिभावक की मौत जैसी स्थितियां शामिल हैं. स्कीम के पुराने नियमों के अनुसार, खाते को दो स्थितियों में बंद किया जा सकता था. पहला, बेटी की मौत और दूसरा, उसके रहने का पता बदलने की स्थिति में यह संभव था.
3. दो बेटियों से ज्यादा के मामले में खाता खोलने के नियम
स्कीम के तहत दो बेटियों के लिए खाता खुलवाया जा सकता है. हालांकि, एक बेटी के जन्म के बाद दो जुड़वा बेटी हो जाती हैं तो उन सभी के लिए खाता खुल सकता है. नए नियमों के अनुसार, अगर दो से ज्यादा बेटियों का खाता खुलना है तो जन्म प्रमाणपत्र के साथ एफिडेविट भी जमा करना पड़ेगा. पुराने नियमों में अभिभावक को केवल मेडिकल सर्टिफिकेट जमा करने की जरूरत पड़ती थी.
4. खाता ऑपरेट करने के नियम
नए नियमों के अनुसार, जब तक बेटी 18 साल की नहीं हो जाती है तब तक उसे खाता ऑपरेट करने की मंजूरी नहीं दी जाएगी. पुराने नियमों में उसे 10 साल में ऐसा करने की इजाजत थी. नए नियम कहते हैं कि खाताधारक के 18 साल का हो जाने तक अभिभावक खाते को ऑपरेट करेंगे. बेटी के 18 साल का होने पर उस बैंक/पोस्ट ऑफिस में आवश्यक दस्तावेज जमा करने होंगे जहां खाता खुला है.
5. ये हैं अन्य बदलाव
नए नियमों में खाते में गलत इंटरेस्ट डालने पर उसे वापस पलटने के प्रावधान को हटाया गया है. इसके अलावा नए नियमों के तहत खाते में ब्याज वित्त वर्ष के अंत में क्रेडिट किया जाएगा.
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