बता दें कि हनुमान बेनीवाल ने गृहमंत्री अमित शाह को चिट्ठी लिखी थी, जिसमें उन्होंने कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए कहा था. अब उन्होंने कहा है कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो RLP एनडीए में घटक दल बने रहने पर पुनर्विचार कर सकती है.
वहीं, चिट्ठी के बाद राजस्थान बीजेपी के कई नेताओं ने NDA का हिस्सा राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के नेता हनुमान बेनीवाल के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के करीबी माने जाने वाले प्रताप सिंह सिंघवी, भवानी सिंह राजावत, प्रह्लाद गुंजल ने गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा को चिट्ठी लिखी थी.
इन नेताओं का कहना था कि बीजेपी को हनुमान बेनीवाल के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के साथ गठबंधन को जारी रखने की जरूरत नहीं है और वो आज ही गठबंधन छोड़ सकते हैं. राजस्थान के राजनीतिक जानकार कहते हैं कि 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने हनुमान बेनीवाल की राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी से वसुंधरा राजे की रजामंदी ना होने के बावजूद गठबंधन किया था. हनुमान बेनीवाल और वसुंधरा राजे राजनीतिक प्रतिद्वंदी रहे हैं और बेनीवाल कई बार वसुंधरा राजे को लेकर टिप्पणी कर चुके हैं.
इससे पहले 30 नवंबर को बेनीवाल ने तीनों कृषि कानूनों को काले कानून बताया था. उन्होंने कहा था कि उनकी पार्टी इस बात पर विचार कर रही है कि वह बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए को अपना समर्थन जारी रखेगी या नहीं.
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