भागवत अपने कोलकाता दौरे के दौरान सूबे के युवा मेधावियों से मुलाकात करेंगे. भागवत इस दौरान राज्य के युवाओं से मिलेंगे जो स्पेस रिसर्च, नासा, माइक्रोबायोलॉजी, मेडिकल साइंस के क्षेत्र में उपलब्धियां हासिल कर वापस भारत लौटकर, मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत अभियान में अहम योगदान दे रहे हैं.
अगस्त 2019 के बाद भागवत की यह पांचवीं बंगाल यात्रा है. उनका ध्येय संगठन को ब्लॉक स्तर पर मजबूत करना है. इससे पहले वह 2019 में 1 अगस्त, 31 अगस्त,19 सिंतबर और 2020 में 22 सिंतबर को बंगाल की यात्रा कर चुके हैं. भागवत की यात्रा अमित शाह के 19 दिसंबर को होने वाले बंगाल दौरे से पहले हो रही है. ऐसे में यह यात्रा राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिहाज से अहम मानी जा रही है.
संघ की मौजूदगी 1939 से बंगाल में रही है लेकिन वामपंथ के 34 साल के कार्यकाल में संघ का प्रभाव व्यापक नहीं हो पाया है. 2011 में वामपंथी सरकार जाने के बाद और 2014 में केंद्र में मोदी सरकार के आने के बाद से संघ लगातार बंगाल में अपनी पकड़ मजबूत बनाने की जुगत में लगा हुआ है.
बता दें कि इससे पहले हाल ही में बीजेपी नड्डा भी पश्चिम बंगाल दौरे पर थे. इस दौरान उनके काफिले पर हमला भी हुआ था. इस घटना के बाद से बीजेपी ने टीएमसी की ममता बनर्जी को घेरना शुरू कर दिया है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह इस मसले को लेकर भी अपनी यात्रा के दौरान बैठक करेंगे. उन्होंने ममता सरकार से जेपी नड्डा की सुरक्षा में हुई चूक को लेकर जवाब भी मांगा है.
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