नवंबर के आखिरी हफ्ते में सुप्रीम कोर्ट में कई बड़े मामलों में सुनवाई होनी है. ये सिलसिला इस सोमवार से ही जारी है. इसी कड़ी में आज सुप्रीम कोर्ट कई बड़े मामलों में सुनवाई करेगा. इनमें से कुछ केस ऐसे हैं जिन पर पूरे देश और मीडिया की नजरें काफी दिनों से टिकी हुई हैं.

1. हेट स्पीच विवाद

सुप्रीम कोर्ट आज हेट स्पीच वाली याचिकाओं पर भी सुनवाई करेगा. इससे पहले उच्चतम न्यायालय ने इस मामले में 22 सितंबर को सुनवाई की थी. तब अदालत ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया था कि वो यह बताए कि हेट स्पीच पर अंकुश लगाने के लिए विधि आयोग की सिफारिशों पर एक्शन लेने का इरादा है कि नहीं. कोर्ट ने कहा था कि हम नफरत को हवा नहीं दे सकते.

2. महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद पर

पिछले कई साल से लंबित महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई होनी है. महाराष्ट्र राज्य के गठन के बाद से ही दोनों राज्यों के बीच यह विवाद चल रहा है. इसी साल 30 अगस्त को इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई थी. इसके बाद कोर्ट ने 23 नवंबर की तारीख तय की थी.

3. गुरुग्राम के प्रिंस हत्याकांड केस में

गुरुग्राम के बहुचर्चित प्रिंस हत्याकांड मामले में भी आज सुनवाई होनी है. दरअसल, जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड (जेजे बोर्ड) के फैसले के विरुद्ध बचाव पक्ष ने सेशन कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी. बचाव पक्ष ने फैसले को गलत ठहराते हुए कहा था कि आरोपित को नाबालिग ही माना जाना चाहिए था. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई के लिए 23 नवंबर की तारीख तय की थी. बता दें कि 17 अक्टूबर 2022 को जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए आरोपित भोलू को बालिग करार दिया था.

4. ज्ञानवापी मामले में भी सुनवाई 

आज सुप्रीम कोर्ट में ज्ञानवापी मामले में भी सुनवाई होगी. हालांकि यह केस मेन से अलग है. कोर्ट आज शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद की तरफ से दाखिल याचिका पर सुनवाई करेगा. इसमें उन्होंने ज्ञानवापी परिसर में मिले शिवलिंग की आकृति की पूजा पाठ रागभोग आरती करने की अनुमति मांगी है. इस मामले में 18 नवंबर को सुनवाई होनी थी, लेकिन वह टल गई. अदालत ने अगली सुनवाई के लिए 23 नवंबर की तारीख तय की थी.

5. मरने के अधिकार वाले कानून के संबंध में

सुप्रीम कोर्ट आज "लिविंग विल" यानी मरने के अधिकार वाले कानून के संबंध में जारी दिशानिर्देशों में संशोधन की मांग पर सुनवाई करेगा. बता दें कि इसी साल सितंबर में हुई सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट की एक संविधान पीठ ने एक विविध आवेदन पर सुनवाई का फैसला किया था, जिसमें सुप्रीम कोर्ट द्वारा 9 मार्च 2021 को दिए एक फैसले में जारी किए गए लिविंग विल/एडवांस मेडिकल डायरेक्टिव की गाइडलाइंस में संशोधन की मांग की गई थी. 

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