महाराष्ट्र की सांगली लोकसभा सीट को लेकर महा विकास अघाड़ी में खींचतान चल रही है. इस बीच शिवसेना (यूबीटी) नेता उद्धव ठाकरे ने गुरुवार (2 मई) को कहा कि उनकी पार्टी ने गठबंधन की खातिर अपने सहयोगियों के लिए वह सीटें छोड़ दी हैं, जिन पर उन्होंने पांच बार जीत हासिल की थी.

सांगली में अपनी पार्टी के उम्मीदवार चंद्रहार पाटील के लिए एक रैली को संबोधित करते हुए उद्धव ठाकरे ने मतदाताओं से अपील की कि वह निरंकुशता के खिलाफ लड़ाई में वोटों का विभाजन न होने दें. साथ ही उन्होंने बीजेपी को चेतावनी देते हुए कहा कि सभी दिन एक जैसे नहीं होते हैं. ठाकरे ने विश्वास जताया कि 'इंडिया' गठबंधन 300 लोकसभा सीटें जीतेगी.

'हमने कई सीटें छोड़ीं'

सांगली सीट से कांग्रेस नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत वसंतदादा पाटील के पोते विशाल पाटील निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं. बीजेपी ने मौजूदा सांसद संजय काका पाटील को मैदान में उतारा है. उद्धव ठाकरे ने कहा कि 'हमने रामटेक सीट छोड़ दी है, जिस पर हम लगातार पांच बार जीत हासिल कर चुके हैं. हमने छत्रपति शाहू महाराज के लिए कोल्हापुर सीट छोड़ दी. हमने अमरावती भी छोड़ दी, क्योंकि गठबंधन से सिर्फ मुझे ही फायदा नहीं होने वाला था, बल्कि हमारे सहयोगियों को भी फायदा होने वाला था.'

अमरावती, रामटेक और कोल्हापुर सीटों पर कांग्रेस, एमवीए का हिस्सा उद्धव ठाकरे के संगठन और शरद पवार के साथ चुनाव लड़ रही है. वहीं इससे पहले शरद पवार ने कहा कि सांगली लोकसभा सीट के लिए उम्मीदवार की घोषणा एमवीए घटकों के बीच परामर्श के बिना की गई थी. वहीं ठाकरे ने स्थानीय कांग्रेस नेताओं को भी आश्वासन दिया कि उनकी पार्टी भविष्य में उनके बीच में नहीं खड़ी होगी. यह एक संकेत है कि शिवसेना (यूबीटी) जिले में अपनी पारंपरिक सीटों पर दावा नहीं करेगी. उद्धव ठाकरे ने यह भी कहा कि अगर बीजेपी ने उन्हें धोखा नहीं दिया होता, तो वह उनके साथ रहते. 

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