महाराष्ट्र के वरिष्ठ मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने यहां एक कार्यक्रम में कहा कि ठाकरे की तबीयत ठीक नहीं थी लेकिन फिर भी उन्होंने जमकर प्रचार किया. उद्धव ठाकरे की तबीयत ठीक नहीं थी, फिर भी उन्होंने काफी मेहनत की. मैं उनके स्वास्थ्य को लेकर चिंतित था. हालांकि, चुनाव परिणाम बताते हैं कि एनसीपी (एसपी) और कांग्रेस को उनकी अपनी पार्टी की तुलना में उनके प्रयासों से अधिक फायदा हुआ.
'उद्धव ठाकरे की पार्टी को आत्ममंथन की जरूरत'
चंद्रकांत पाटिल ने आगे कहा, "जब उद्धव ठाकरे की पार्टी बीजेपी के साथ थे, तो उनकी पार्टी ने 18 लोकसभा सीटें जीती थीं. कांग्रेस और एनसीपी (एसपी) के साथ, वह नौ सीटें जीत पाए. उन्हें आत्ममंथन करने की जरूरत है."
'अल्पसंख्यकों के कारण मिली जीत'
पाटिल ने तंज कसते हुए कहा, "उद्धव ठाकरे ने अल्पसंख्यकों के वोटों के कारण जीत का तमगा भी हासिल किया. मनसे के एक नेता ने भी इसे स्पष्ट शब्दों में कहा है कि उद्धव की जीत का रंग भगवा नहीं बल्कि हरा है."
शिवसेना यूबीटी को 9 सीटों पर मिली जीत
बता दें कि उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) ने राज्य की 48 लोकसभा सीटों में से 21 पर चुनाव लड़ा, लेकिन केवल नौ पर जीत हासिल की. एनसीपी (शरदचंद्र पवार) ने दस सीटों पर चुनाव लड़ा और आठ पर जीत हासिल की.
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