=दिनेश ठाकुर=
जम्मू कश्मीर में इन दिनों नई सरकार के गठन को लेकर चर्चाएं जोरों पर हैं सोशल मीडिया पर यह अफ़ग़ाहें चल रही है कि अमरनाथ यात्रा के बाद भाजपा फिर से राज्य में सरकार बन सकती है और सरकार के गठन को लेकर जो मसौदा तैयार हो रहा है उस से भी लगता है कि जो सरकार बनेगी वह पिछली सरकारों से हटके होगी क्योंकि कहा जा रहा है कि इस सरकार में दो उप मुख्यमंत्री व एक जम्मू से संबंधित मुख्यमंत्री होगा हालांकि यह अभी पक्के तौर पर नहीं कहा जा सकता है कि सरकार ऐसी ही बनेगी या केवल अफगाह हैं परंतु अगर यह हो जाता है तो जम्मू की जनता के लिए यह हर्ष का विषय होगा क्योंकि आज तक जो भी सरकार राज्य में बनी है उनमें अधिकतर मुख्यमंत्री घाटी से ही होते थे और सरकार का ताना-बाना भी कश्मीर से ही चलता था और जम्मू के लोग यह इल्जाम लगाते थे कि जम्मू के साथ न्याय नहीं होता और जम्मू क्षेत्र की अनदेखी होती रही है यदि हम राज्य के इतिहास को देखें तो हमें कई प्रमाण मिल जाते हैं कि जिसमें जम्मू क्षेत्र के साथ अनदेखी हुई है यहां टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए कोई बड़े कदम नहीं उठाएंगे जम्मू के राजौरी एवं पुंछ जिलों की भी अनदेखी हुई है यहां कोई बड़े विकास के कार्य नहीं हुए ना ही टूरिज्म को ध्यान में रखकर कोई बड़े प्रोजेक्ट लांच हुए हैं जिससे कि सैलानी इन क्षेत्रों में भी आ सके स्वास्थ्य सुविधाएं एवं एजुकेशन के मामले में भी इन क्षेत्रों में बहुत सी कमियां है रोड भी इन क्षेत्रों के कोई बढ़िया नहीं है वैसे तो यह जिले पहाड़ी है और बरसात के दिनों में यहां के रोड काफी खस्ता हालत में हो जाते हैं शायद इसका कारण यह है कि जो रोड बने हैं वह केवल कामचलाऊ ही हैं उन्हें बड़े स्तर पर नहीं बनाया गया जिससे कि वह भारी बरसात के बोझ को सहन कर सके बरसात के दिनों में दूरदराज के क्षेत्रों के रोड भह जाते हैं और आवाजाही बंद हो जाती है प्रशासन पर भी इसका काफी दबाव रहता है जैसे भ्रष्टाचार के मामले में भी इन क्षेत्रों के कार्य किसी से छुपी नहीं है शायद यही कारण है कि यह क्षेत्र विकास नहीं कर पा रहे परंतु केंद्र में भाजपा की सरकार बनने के बाद इन क्षेत्रों के लोगों में काफी जिज्ञासा बड़ी है जिस प्रकार देशभर में अच्छे मार्ग बन रहे हैं उनसे अनुमान लगाया जा सकता है कि यदि केंद्र सरकार इन क्षेत्रों में भी दिलचस्पी ले तो क्षेत्रों को भी जम्मू शहर से तथा जिलों को गांव से रोड के माध्यम से अच्छे से जोड़ा जा सकता है और यह सब कुछ तभी संभव है जब राज्य में एक अच्छी सरकार अस्तित्व में आए पिछले कुछ दिनों से राज्यपाल शासन होने के कारण भी लोगों की उम्मीदें बड़ी हैं और काम तेजी से हुए हैं भ्रष्टाचार पर भी लगाम लगी है परंतु कुछ लोग जो हमेशा भ्रष्टाचार में लिप्त रहे हैं उन लोगों के लिए मुश्किल पेश आ रही है वह लोग ईमानदार कर्मचारियों पर दबाव बना रहे हैं एवं मीडिया अगर इन भ्रष्टाचारियों को बेनकाब करने की कोशिश करती है तो यह कर्मचारी मीडिया पर दबाव बनाने के लिए उनकी झूठी शिकायतें करते है परंतु आम जनता को भरोसा है कि राज्यपाल शासन के अधीन भ्रष्टाचार करना कठिन हो गया है और यदि नई सरकार नए फार्मूले के साथ सत्ता में आती है तो भ्रष्टाचार पर काफी हद तक अंकुश लगेगा एवं भ्रष्टाचारियों को बेनकाब करने के साथ-साथ इन क्षेत्रों का विकास भी तेजी से होगा
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