पूरनपुर (पीलीभीत) कोतवाली के सामने लगे जाम से एक अधिवक्ता को पुलिस कर्मी द्वारा गिरेवान पकड़कर कोतवाली तक घसीट कर लाने को लेकर अधिवक्ताओं ने पुलिस कर्मी के खिलाफ तहरीर देकर निलम्बन की मांग की। न माने जाने पर अधिवक्ताओं ने कोतवाली के सामने जाम लगाकर कोतवाली प्रभारी व पुलिस कर्मी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। यह सारा तमाशा कोतवाली प्रभारी कोतवाली में मूक दर्शक बने देखते रहे और कुछ न कर सके। सीओ ने आकर जाम खुलवाया और समझा बुझाकर दोनो पक्षों को वार्ता कर मामले को सुलझाने का प्रयास किया।

      कोतवाली के सामने लगे जाम में अधिवक्ता संघ के कोषाध्यक्ष अरजिन्दर सिंह महल अपनी बाइक पर सवार होकर जाम में फंसे थे, को कोतवाली सिपाही अमर सिंह गिरेबान पकड़कर घसीटता हुआ कोतवाली लाया और उसे हवालात में बन्द करने को कहा। जिसको एसएसआई उदयवीर सिंह व उपेन्द्र सिंह ने लाकप में डालने की बात कही। इसी को लेकर अधिवक्ताओं में रोष फैल गया। आनन-फानन में सभी अधिवक्ता कोतवाली में जमा हो गये। इसी मामले को लेकर सिपाही और कोतवाली प्रभारी से अधिवक्ताओं की तीखी झड़पड़ हुयी। मामला तूल पकड़ता देखकर कोतवाली प्रभारी ने वार्ता करने का प्रयास किया। लेकिन वार्ता विफल रही। इसके बाद अधिवक्ताओं ने सिपाही के खिलाफ मामला दर्ज कर कार्यवाही करने और एसएसआई उदयवीर सिंह व उपेन्द्र सिंह द्वारा सहयोग करने पर दोनो के खिलाफ कार्यवाही करने की मांग की। जिसे कोतवाली प्रभारी ने अस्वीकार कर दिया। इसी को लेकर अधिवक्ताओं ने कोतवाली के सामने जाम लगाकर कोतवाली प्रभारी व पुलिस कर्मी के खिलाफ जमकर नारेबाज की। सीओ अनुराग दर्शन ने जाम खुलवाया और वार्ता कर दोनो पक्षों को समझा बुझाकर मामला रफा-दफा करने का प्रयास किया। लेकिन अधिवक्ता कार्यवाही पर अडिग रहे तब सीओ ने जांच कराकर कार्यवाही करने का आश्वासन दिया। मालूम रहे कि अधिवक्ताओं का एकजुट समझौता कराना चाहता है। जबकि अधिकांश अधिवक्ता कार्यवाही चाहते हैं।

उजमा ब्यूरो पीलीभीत
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