_राजेंद्र भगत _
पाकिस्तान में चुनावों के बाद के रुझानों से लगता है कि इमरान खान की पार्टी दूसरी अन्य पार्टियों से आगे निकल जाएगी हालांकि परिणाम सुबह तक ही सामने आएंगे पर जो रुझान आ रहे हैं उसमें इमरान खान की पार्टी सबसे आगे व उसके बाद नवाज शरीफ एवं बिलावल भुट्टो की पार्टी दूसरे व तीसरे स्थान पर है आतंकवादी हाफिज सईद की पार्टी को पाकिस्तान की जनता ने नकार दिया है वह अभी तक के रुझानों में शून्य पर ही है जैसे की पहले ही यह अनुमान लगाया जा रहा था कि इमरान खान की पार्टी जिसे की तालिबान एवं पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई का समर्थन है वह सत्ता पर आसीन हो सकती है क्योंकि फौज उसके साथ थी। फौज को भी कोई ऐसी पार्टी चाहिए जो उसकी मंशा को राजनीति में उतार सके और लगता भी यही है कि चुनाव परिणामों के बाद इमरान खान सत्ता पर बाजी मार सकते हैं क्योंकि अक्सर देखा गया है कि इन दिनों इमरान खान जिसे सोशल मीडिया में तालिबान खान के नाम से भी संबोधित किया जा रहा है वह कश्मीर पर जहर उगलने में सबसे आगे है तथा भारत विरोधी बयानों में सबसे आगे रहा था जिससे जाहिर हो गया था कि इसके पीछे फौज का हाथ है और पिछले अनुभव परिणाम बताते हैं कि पाकिस्तान में वही पार्टी सत्ता पर आसीन होती है जिसे फौज चाहती है क्योंकि पाकिस्तान में हमेशा से ही कठपुतली सरकारें बनती रही हैं भारत के लिए यह चुनौतीपूर्ण रहेगा अगर इमरान खान सत्ता में आते हैं क्योंकि इमरान खान कश्मीर पर अपने बेतुके बयानों के कारण चर्चा में रहा है वह भारत विरोधी गुटों के हाथों खेलता रहा है तालिबान, पाकिस्तानी फौज एवं आंतकी गुट इमरान खान को इसीलिए मदद कर रहे हैं क्योंकि वह भारत विरोधी है।
इस दौरान पाकिस्तान में हिंसा का दौर भी जारी रहा पाकिस्तान के क्वेटा शहर में आत्मघाती हमले में 31 लोग मारे गए तथा चुनावों के दौरान हिंसा में 35 लोग शिकार हुए
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