रिपोर्ट , प्रमोद सिंह

उन्नाव। विकास खण्ड  बीघापुर के क्षेत्र  सरकार भले ही 2022 तक सभी गरीबों को छत मुहैया कराने का वादा कर रही हो किन्तु जमीनी हकीकत कुछ  और ही है। कभी मानक के कारण तो कभी गंवई राजनीति के कारण लोगों का सम्बन्धित आधिकारियों द्वारा षोशण किया जा रहा है।

 आश्चर्य तो तब होता है जब उच्चाधिकारियों से शिकायत करने के बाद भी शिकायती पत्र कूड़ेदान में डाल दिया जाता है।

कुछ ऐसा ही मामला विकास खण्ड बीघापुर की ग्राम सभा नसीरपुर के मजरा भाभेमऊ का प्रकाष में आया है।
77 वर्शीय रज्जन लाल ने आरोप लगाया है कि ग्राम प्रधान व ग्राम पंचायत अधिकारी 20 हजार रु0 की मांग आवास देने के नाम पर कर रहे हैं। रज्जन लाल अपनी पत्नी सन्नो व एक विधवा पुत्री गुड्डन के साथ एक छप्पर के नीचे गुजर बसर करता है। वहीं जीवनयापन के लिए उसके पास मात्र 27 बिस्वा जमीन है।

 रज्जन लाल ने बताया कि ग्राम प्रधान द्वारा गांव में नाली निर्माण में गबन किया गया था, जिसकी जांच आने पर मैंने गवाही दी थी कि नाली का निर्माण गांव में नहीं हुआ। उसी से ग्राम प्रधान व ग्राम विकास अधिकारी खुन्नस खाए हैं।इस लिए 20 हजार रु0 की आवास के लिए मांग कर रहे हैें। जिसकी षिकायत उच्चाधिकारियों से कई बार करने के बावजूद भी आज तक आवास ग्राम सभा द्वारा नहीं दिया गया है।

रज्जन लाल छप्पर के नीचे जीवनयापन करने के लिए मजबूर है।अब आवास न मिलने के कारण कुछ भी हों,लेकिन सरकार का सपना इन हालातों में पूरा होता नहीं दिख रहा है।
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