झांसी। शिकायत लेकर एसएसपी कार्यालय जाने वाले फरियादियों के साथ किस प्रकार का व्यवहार होता है। इसका उदाहरण उस समय नजर आया जब एक घायल पूर्व पार्षद ने आरोप लगाया कि वह एसएसपी से न्याय मांगने गया हुआ था। जहां एसएसपी की मौजूदगी में पीआरओ ने दुत्कार और अभद्रता करते हुए उसे भगा दिया। परेशान पूर्व पार्षद अपने परिजनों के साथ शहर के प्रमुख चौराहे पर धरने पर बैठ गया। इसके बाद हरकत में आई पुलिस ने उसकी मनुहार करती नजर आई।

 प्रेमनगर थानान्तर्गत राजगढ़ निवासी दलित पूर्व पार्षद वीरेन्द्र खटीक अपने साथी के साथ पिछले 25 दिन पहले रात्रि के समय हंसारी से घर जा रहा था। इसी दौरान राजगढ़ के नजदीक कुछ हमलावरों ने हमला करते हुए पूर्व पार्षद को गोली मारकर घायल कर दिया था। जिसकी पूर्व पार्षद ने थाने में शिकायत करते हुए नामजद मामला दर्ज कराया था।

पूर्व पार्षद वीरेन्द्र खटीक का आरोप है कि नामजद मामला दर्ज होने के बाद भी पुलिस आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं कर रही है। जिस कारण आरोपी उसे धमका रहे हैं। घबराकर वह परिजनों के साथ किसी प्रकार एसएसपी के पास गया हुआ था। जहां उसने आरोपियों को पकड़ने की मांग की। इस पर एसएसपी ने किसी को फोनकर कपड़े की जांच की बात की। उसका गुनाह बस इतना हो गया कि उसने यह कह दिया कि कपड़े की जांच क्या होती साहब, हम स्वयं आये हुए है। बस फिर क्या कि पहले उन्होंने उसके साथ अभद्रता की। इसके बाद उनके पीआरओ ने दुत्कार और अभद्रता करते हुए धक्का देकर बाहर कर दिया।

जिससे परेशान होकर पूर्व पार्षद वीरेन्द्र खटीक झांसी के प्रमुख चौराहे ईलाईट चौराहे पर परिवार के साथ धरना देने लगा। जैसे ही इसकी जानकारी थाने की पुलिस व उच्चाधिकारियों को हुई तो वह उसे मनाने पहुंच गये। कई घंटे मशक्कत के बाद पुलिस किसी प्रकार उसे समझाने में सफल हो सकी।

रिपोर्ट: उदय नारायण कुशवाहा (झांसी)
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