बैतूल-छिंदवाड़ा के फर्जी रजिस्ट्री कांड में सीबीआई जांच के निर्देशतत्कालीन पुलिस-प्रशासन से लेकर दलालों में हड़कंप 

जबलपुर। 

मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने मुंबई के एक व्यापारी के नाम छिंदवाड़ा जिले में सैकड़ों एकड़ जमीन की फर्जी रजिस्ट्री कराने और उससे 11 करोड़ रुपए से अधिक वसूलने के मामले में सीबीआई जांच के निर्देश दिए हैं। इसमें इंदौर के तीन लोगों की मुख्य भूमिका रही है। खास बात यह है कि पूरा सौदा एक होटल में हुआ जहां आरोपियों ने फर्जी सब-रजिस्ट्रार, फर्जी स्टेम्प और फर्जी कागजात के जरिए व्यापारी से पैसे ऐंठ लिए। चीफ जस्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस विजय शुक्ला की खंडपीठ ने सभी आरोपियों की जमानत अर्जियां खारिज कर सीबीआई जांच के निर्देश दिए। 

 मुंबई में कृषि उत्पादों का आयात-निर्यात के व्यवसायी रमेश चौरसिया को आर्गेनिक खेती के लिए मध्यप्रदेश में करीब एक हजार एकड़ जमीन की जरूरत थी। उसने एक परिचित के जरिए इंदौर के कुंदनलाल जायसवाल और अशोक जायसवाल से मुलाकात की जिन्होंने छिंदवाड़ा में जमीन होने की बात कही।

 होटल में हुआ था सौदा

वर्ष 2014 में रमेश को एक होटल में रुकवाया और उससे कहा गया कि रजिस्ट्री के अधिकारी अपने स्टाफ के साथ होटल में ही आकर रजिस्ट्री कर देंगे। रमेश चौरसिया ने करीब 11 करोड़ रुपए का भुगतान किया। फर्जीवाड़ा उजागर होने पर उसने कुंदनलाल सहित जगदीश यादव, श्रीराम यादव, अशोक जायसवाल, सतीश मकोड़े, राम पाल, मुन्नालाल पवार सहित अन्य के खिलाफ छिंदवाड़ा पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज कराई। मामले पर जमानत अर्जियों की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने सीबीआई जांच के निर्देश दिए।

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