देखने मिल रही परंपरागतगत आदिवासी नृत्‍य  एंव गोदना प्रथा

सीहोर, एमपी मीडिया पाइंट 

 परछाइयां लंबी होती जा रही हैं और धीरे-धीरे यह पुरातन मेला अपने समापन की ओर बढ़ता जा रहा है हम देख रहे हैं कि जिले के प्रशासनिक अधिकारियों का टेंशन भी इसी के साथ कम होता जा रहा है मेले की सफलता का श्रेय तो सूर्यास्त के बाद ही लूटेगा लेकिन देखना है कि मेला समिति,प्रशासन और नेता कितना-कितना श्रेय लूट पाते हैं लेकिन हम आपको बता दें कि मेला स्थल पर करीब 70 हज़ार अब भी लोग मौजूद हैं और करीब 40 हजार यहां से रवानगी डाल चुके हैं 

मेले में ज्यादातर दुकानों से सामान बिक चुका है नारियल तो आखिर में 40 रुपए का एक बिका था वह पूरी तरह खत्म हो गया है सभी दुकानों से अगरबत्ती के पैकेट भी गायब हैं पशु श्रंगार सामग्री छुटपुट बची है अन्य घरेलू सामान भी दुकानों से साफ होने की कगार पर पहुंच गया है खिलौने और झुलों के आसपास अब भी हजारों बच्चों और महिलाओं की भीड़ जमा है 

आदिवासी नृत्य और गोदना प्रथा आज भी यहां आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं हम आपको बता दें कि मंदिर के आसपास श्रद्धालुओं की भी इतनी भीड़ जमा है कि वहां पैर रखना मुश्किल हो पा रहा है। मेले मे आचार संहिता का उल्लंघन न हो इसके लिए प्रशासन की टीम पैनी नज़र गढ़ाए हुए है। उल्लघन का कोई मामला फिलहाल सामने  नहीं आया है।

बारह खंबा मेले की हर जानकारी के लिए आप जुड़े रहिए एमपी मीडिया पाइंट के साँथ . . .

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