पूजन-पाठ के लिए बनाते विशेष कंडे,

सिर्फ़ होता गाय के गोबर का इस्तेमाल,

नि:शुल्क कराते उपलब्ध



सीहोर, एमपी मीडिया पाइंट 

एक ऐसे दौर मे जब आधुनिकता के नाम पर  मिलावट की वस्तुओं से बाजार सजा हो तब सीहोर का एक शख्स ऐसा भी है जो नई तकनीक से शुद्ध कंडों को बना रहे है और वह बहूपयोगी साबित हो रहे हैं। इन कंडों को बनाने मे सिर्फ़ गाय के गोबर का इस्तेमाल किया जाता है।

जयंती कालोनी सीहोर निवासी देवेन्द्र जोशी इनदिनों कंडे बनाने को लेकर चर्चा मे है। पेशे से कंप्यूटर व्यवसायी देवेन्द्र पिछले पांच वर्ष से शहर मे घूमती आवारा गाय को पालकर उसके गोबर से शुद्ध कंडें बनाते हैं और पूजा-पाठ के लिए लोगों को नि:शुल्क उपलब्ध कराते हैं।

इस नेक कार्य को लेकर देवेन्द्र जोशी का कहना है कि यह सब कार्य वह सिर्फ़ पुण्य कमाने के लिए करते हैं।

जोशी ने बताया कि गाय पालने से धर्म लगता है और गाय का गोबर शुद्धता का प्रतीक है और यदि उसके कंडें जलाकर धुआँ किया जाए तो आसपास का पूरा वातावरण शुद्ध हो जाता है सांथ ही हवन,पूजा-पाठ मे इसका इस्तेमाल किया जाए तो आध्यात्मिक दृष्टिकोण से यह सोने पर सुहागा होता है।


जोशी ने बताया कि हालांकि कंडे बनाने मे काफी समय खर्च होता है फिर भी वह समय निकालकर कंडे इसीलिए बनाते हैं क्योंकि विशेष धार्मिक पर्व पर इनकी मांग बेहद बड़ जाती है। कंडे स्टाक मे रखना पड़ते हैं। पांच वर्ष से वह कंडे बनाकर लोगों को नि:शुल्क उपलब्ध करा रहे हैं। इन कंडो की खासियत  यह भी है कि समानाकार, प्लेन गोलाकार और बराबर वजन के होते हैं।

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