पटना : राजनीति शास्त्र से पीजी कर रही 21 वर्षीय मिताली प्रसाद जो एक पर्वतारोही है ने कंचनजंगा की  चढ़ाई कर चुकी है लेकिन आर्थिक परेशानियों से जूझ रही मिताली प्रसाद अब उत्तरी ध्रुव जाना चाहती है लेकिन पैसे के अभाव में उनका यह सपना पूरा नहीं हो पा रहा। इस कार्य के लिए करीब 3 लाख 50 हजार रूपये की जरूरत है। पिता मत्स्यपालन करते हैं और इतनी कम आमदनी में वह अपनी बेटी के सपने को पूरा करने में सक्षम नहीं है। मिताली प्रसाद मूल रूप से नालंदा के कतरी सराय की रहने वाली है । उन्होंने अपने सपने को पूरा करने के लिए मुख्यमंत्री से लेकर प्रधानमंत्री तक को पत्र लिखें लेकिन एक ओर जहां प्रधानमंत्री ने इसे राज्य का मामला कहकर अपना पल्ला झाड़ लिया तो वहीं अब तक उन्हें मुख्यमंत्री से भी कोई सहायता नहीं मिली है । मिताली प्रसाद ने नेहरू इंस्टीट्यूट ऑफ माउंटेनियरिंग से शिक्षण भी लिया है। उन्होंने हिमाचल प्रदेश की आंगडूरा चोटी पर फतह हासिल की । उनका चयन अल्पाइन ट्रेनिंग एक्सपीडिशन के तहत भारतीय पर्वतारोहण संस्थान आईएमएफ ने किया था । इतनी सारी उपलब्धियों के बावजूद उनके रास्ते में पहाड़े तो मुश्किलें  नहीं बनी लेकिन  आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण वह अपने सपने को पूरा नहीं कर पा रही थीए लेकिन अब उनके सपनों को पंख लगने वाले हैं क्योंकि अब भारत के जाने माने आयुर्वेदाचार्य डॉ सुनील कुमार दुबे ने मिताली प्रसाद को सहयोग राशि प्रदान कर उन्हें आगे बढऩे को प्रोत्साहित किया है। डॉ सुनील दुबे का कहना है की मिताली प्रसाद एक महत्वकांशी लडक़ी है और उनके जैसी हर लडक़ी को वह आगे बढऩे में मदद करेंगे।


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