पटना, : जब देश में सांसद, विधायक, विधान पार्षद इन सभी को पेंशन मिलता है तो अंतिम पायदान में विकास करने वाले वार्ड सदस्यों को मानदेय क्यों नहीं दिया जा रहा है। इसको लेकर बिहार प्रदेश वार्ड सदस्य महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रामप्रवेश यादव पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि पिछले दिनों 01 मार्च को पटना के मिलर हाई स्कूल में महारैली आयोजित की गयी थी। जिसमें बिहार सरकार के मंत्री श्रवण कुमार, मंत्री कपिलदेव कामत, महासंघ के संरक्षक राजकिशोर ङ्क्षसह कुशवाहा, भी उपस्थित थे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पंचायती राज अधिनियम संशोधन कर समाज के अंतिम व्यक्ति तक विकास की रोशनी पहुंचाने के लिए वार्ड सदस्यों को भागीदारी सौंपा है। हमलोग पूरे वार्ड में अंतिम पायदान में रहने वाले व्यक्तियों को सडक़-नाला, पुल-पुलिया बनाकर दे रहे हैं। नौ सूत्री मांगों को लेकर महारैली की गयी थी। मगर महारैली के बाद भी संज्ञान नहीं लिया। त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं में ग्राम कचहरी, शहरी वार्ड पार्षदों को सम्मानजनक मासिक वेतन, आजीवन पेंशन देने का प्रबंध करे। पूरे बिहार में हमलोग तीन लाख जनप्रतिनिधि हैं। इन सभी को लोकसभा या विधानसभा चुनाव में अहिम भूमिका होती है। हम सरकार से मांग करते हैं कि कम से कम पांच हजार रुपया दिया जाये नहीं तो हम आगे की रणनीति तय करेंगे।
इस सम्मेलन में शंभूशरण, अशोक कुमार, मोहम्मद हनीफ, ई. चंदन कुमार, संतोष कुमार रंजन, अजय कुमार, श्रीराम सिंह, महेश शाह, नरेन्द्र प्रताप सिंह, क्रांति कुमार, दिनेश यादव, जीवनंदन शर्मा उपस्थित थे।
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