प्रत्येक शनिवार को पीपल के पेड़ के नीचे यानी जड़ में गाय का कच्चा दूध चढ़ाने से सभी ग्रहों के दोषों का शमन होता है। खासकर राहु-केतु, शनि और पितृ दोष।  इस सम्बन्ध में अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त ज्योतिष योग शोध केन्द्र, बिहार के संस्थापक दैवज्ञ पंo आरo केo चौधरी "बाबा-भागलपुर", भविष्यवेत्ता एवं हस्तरेखा विशेषज्ञ ने शास्त्रानुसार बतलाया कि:- ग्रह नशत्रों की दिशा और दशा व्यक्ति के जीवन में बहुत ही मायने रखते हैं। अगर ग्रहों की दशा बेहतर हो तो व्यक्ति जीवन में बहुत विकास करता है लेकिन ग्रहों की दशा खराब हो तो व्यक्ति के जीवन में दुख और संकट का पहाड़ टूट पड़ता है। इसलिए ग्रहों को सही दिशा और दशा देने के लिए उनके प्रभाव को कम या ज्यादा करने के लिए पूजा-पाठ तथा प्रतिकूल ग्रहों   की शान्ति जरूर करानी चाहिए। शनिवार को पीपल के पेड़ में गाय का कच्चा दूध चढ़ाने के पीछे  कुछ ऐसी ही मान्यता है। शास्त्रानुसार शनिवार को भगवान शनिदेव और हनुमान जी का दिन माना जाता है। लेकिन इस दिन कई अन्य ग्रहों को शांत करने का भी दिन होता है। इसके लिए  पीपल के पेड़ का सहारा लिया जाता है। ऐसा माना जाता है कि शनिवार को पीपल के पेड़ के नीचे गाय का कच्चा दूध चढ़ाने से ग्रहों के दुष्प्रभाव का शमन होता है और मानसिक शांति मिलती है। शनिवार को पीपल के पेड़ में जल चढ़ाने के बाद गाय का कच्चा दूध चढ़ाकर सात बार परिक्रमा करें। इसके बाद सूर्य, शंकर और पीपल इन तीनों की विधिवत पूजा-अर्चना करें तथा स्वयं जो जल चढ़ाया है उसे अपने आंखों पर लगाएं और "पितृ देवाय नम:" मंत्र का जाप करें। ये जाप चार बार करने से राहु, केतु, शनि व पितृ दोष का शमन होता है। हनुमान चालिसा और शनि चालिसा भी अवश्य पढ़ना चाहिए। इसके साथ ही शनिदव की कृपा के लिए उनके मंदिर में हर शनिवार सरसों के तेल का दीपक जलाएं। हाँ शनिदेव की प्रतिमा या तस्वीर घर में नहीं  रखें। ऐसा विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करने से ग्रह जनित दोष व पितृ दोष से मुक्ति मिलती है तथा मानसिक शांति के साथ-साथ सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।


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