पटना, (रिर्पोटर) : पटना आप्थॉल्मोलॉजिकल सोसाइटी की ओर से आईजीआईएमएस पटना के रीजनल इंस्टीट्यूट ऑफ ऑप्थल्मोलॉजी में अपना चौथा वार्षिक सम्मेलन आयोजित किया। पूरे बिहार के 200 से अधिक प्रतिनिधि इस बैठक में भाग ले रहे हैं और अतिथि वक्तओं की एक आकाशगंगा हाल के अग्रिमों के स्थानीय नेत्र रोग विशेषज्ञों को अवगत कराने के लिए पटना आई है। इस बैठक का मुख्य आकर्षण दिल्ली से पटना के लिए नेत्र शल्य चिकित्सा का पहला लाइव सैटेलाइट टेलीकास्ट हुआ। आईजीआईएमएस पटना में सभागार में बैठे प्रतिनिधियों ने देखा कि सर्जरी लाइव की जा रही है और वास्तविक समय में दिल्ली में सर्जन के साथ बातचीत की। रिले नई दिल्ली में सेंटर फॉर साइट से था और डा. महिपाल सचदेव ने सर्जरी की।

बैठक का उद्घाटन मुंबई के पदमश्री प्रो. डा. एस. नटराजन ने कियाए जो वर्तमान में ऑल इंडिया नेत्र रोग सोसायटी के अध्यक्ष हैं। गेस्ट ऑफ ऑनर डा. एन आर विश्वास आईजीआईएमएस के निदेशक और पटना के वरिष्ठ और प्रख्यात नेत्र चिकित्सक डा. बी चौधरी ने इस अवसर पर आभार व्यक्त किया।  डा. रंजन अखौरी ओरेशन को डा. आर पी सेंटर एम्स नई दिल्ली के प्रमुख प्रोएडा. अतुल कुमार द्वारा दिया गया। गेस्ट फैकल्टी में डा. लव कोचगवे, डा. कृष्ण प्रसाद कुडलूए डा. पार्थ विश्वास शामिल थे।

पटना आप्थॉल्मोलॉजिकल सोसाइटी के प्रेस संयोजक और बिहार आप्थॉल्मोलॉजिकल सोसाइटी के सचिव डा. सुनील सिंह ने कहा कि यह पहली बार था जब इस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करने के लिए पूरे भारत से 20 से अधिक राष्ट्रीय अतिथि संकाय आए। डा. सुनील कुमार सिंह ने बताया कि कम्प्यूटर पर कार्य करते समय कम्प्यूटर एवं आंखों के बीच एक उचित दूरी अवश्य रखें। आंख में कचरा, धूल -कण आदि डलने पर आंख को मलना नहीं चाहिए। साल में एक बार नेत्र रोग विशेषज्ञ से आंखों की जांच करानी चाहिए। डा. निलेश मोहन ने बताया कि काला मोतिया यानी ग्लूकोमा भारत में अंधेपन का एक प्रमुख कारण है, इसलिए समय रहते ध्यान दिया जाए तो अंधेपन का शिकार होने से बचा जा सकता है। इस अवसर पर पटना आप्थॉल्मोलॉजिकल सोसाइटी अध्यक्ष डा. शरत कुमार, सचिव डा. सुनील परमार, वैज्ञानिक समिति के अध्यक्ष डा. निलेश मोहनए कोषाध्यक्ष डा. सत्यजीत सिन्हा और आरआईओ के प्रमुख डा. विभूति पी सिन्हा उपस्थित थे। प्रख्यात सर्जन डा. अजीत सिन्हा, डा. प्रणव रंजन, डा. जे जी अग्रवाल, डा. रंजन राय, डा. सत्यप्रकाश तिवारी, डा. रवि रंजन, डा. प्रियंका, डा. सुधीर कुमार, डा. पूजा सिन्हा, डा. अभिषेक आनंद, डा. ज्ञान भास्कर, डा. अजय सिन्हा, डा. सुजीत मिश्रा और डा. एस. पी. सिन्हा भी उपस्थित थे।


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