पटना (रिर्पोटर) : उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि बिहार में जब राजग की सरकार बनी तो पंचायत चुनाव में ओबीसी को 20 प्रतिशत आरक्षण दिया गया जबकि उसके पूर्व राजद-कांग्रेस ने उन्हें आरक्षण से वंचित कर चुनाव करा लिया था। गरीब सवर्णों को आरक्षण देने की कांग्रेस कभी हिम्मत नहीं जुटा पाई और राजद ने तो संसद से लेकर विधान सभा तक विरोध किया मगर मोदी सरकार ने पूर्व की आरक्षण व्यवस्था में बिना किसी छेड़छाड़ के संविधान संशोधन कर उन्हें 10 प्रतिशत अतिरिक्त आरक्षण देकर ‘सबका साथ,सबका विकास’ का अपना संकल्प पूरा किया।
एससी,एसटी और ओबीसी के हितों के लिए सजग एनडीए की सरकार ने पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा देने के साथ ही सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरूद्ध एससी,एसटी अत्याचार निवारण कानून को अध्यादेश के जरिए पुनर्स्थापित किया तथा अध्यादेश लाकर विश्वविद्यालयों की नियुक्ति में आरक्षण की पूर्व की व्यवस्था को जारी रखा। मोदी सरकार ने पिछड़े वर्गों की सूची के वर्गीकरण और जातीय आधार पर जनगणना कराने का भी निर्णय लिया है।
आज राजद-कांग्रेस के लोग दुष्प्रचार कर रहे हैं कि भाजपा आरक्षण खत्म कर देगी। ऐसे लोग कान खोल कर सुन लें कि भाजपा और नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री रहते दुनिया की कोई ताकत एसीसी/एसटी और ओबीसी के आरक्षण को छू भी नहीं सकती है। आरक्षण के मुद्दे पर गुमराह करने वालों की दाल नहीं गलने वाली है।
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