नवग्रहों में मंगल एक ऐसा ग्रह है, जो कि ना केवल क्रूर है बल्कि उसे लेकर हर किसी में भय रहता है। मंगल मतलब हमारे शरीर का वो हिस्सा जिसके बिना हमारा शरीर बेकार है। इस सम्बन्ध में अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त ज्योतिष योग शोध केन्द्र, बिहार के संस्थापक दैवज्ञ पंo आरo केo चौधरी "बाबा-भागलपुर", भविष्यवेत्ता एवं हस्तरेखा विशेषज्ञ ने ज्योतिषीय परिप्रेक्ष्य में बतलाया कि:- जन्मकुंडली में मंगल ग्रह की एक महत्वपूर्ण हिस्सेदारी है। यदि जन्मकुंडली में मंगल अनुकूल   हो तो जीवन के सभी सुख मिलेंगे। यदि जन्मकुंडली में मंगल दोष हो तो जीवन के मार्ग में अड़चने आने लगेंगी। मंगल ग्रह  खराब होने से शादी का सुख, परिवार का सुख, दोस्ती का सुख किसी भी तरह के रिश्ते में सुख की प्राप्ति होना सम्भव नहीं है। मंगल का अर्थ:- परिवार, वफादारी, ताकत, मित्र और दाम्पत्य जीवन होता है। मंगल ही शरीर के अंदर की वो ताकत है जो शादीशुदा जिंदगी को चलाती है। एक मंगल के खराब होने से ही सारे सुख नष्ट हो जाते हैं। मंगलवार को यदि कई सारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है या दिन के शुरू होते ही पति-पत्नी या परिवार वालों से झगड़ा होने लगता है तो यह जन्मकुंडली में मंगल दोष होने की ओर इशारा करता है। जन्मकुंडली में यदि मंगल दोष  हो तो क्या-क्या समस्याएं हो सकती हैं:-

1. मंगल दोषपूर्ण होने से स्वभाव क्रूर और हिंसक हो सकता है।

2. आत्मविश्वास और साहस कमजोर हो जाता है।

3. रक्त से जुड़ी समस्या हो सकती है।

4. वैवाहिक सम्बन्ध खराब हो सकते हैं।

5. कर्ज और मुकदमेबाजी हो सकती है और जेल भी जाना पड़ सकता है।

मंगल दोष दूर करने के उपाय:-

1.अपने स्वभाव में शान्ति और सौम्यता पर सबसे ज्यादा ध्यान रखना चाहिए।

2.अपने खान-पान की आदतों पर ध्यान रखना चाहिए। गर्म व ताजा भोजन करने से मंगल मजबूत होता है। इससे पाचन क्रिया और मनोदशा भी ठीक रहती है।

3.सबसे सरल उपाय है हनुमान जी की नियमित उपासना। यह मंगल दोष को शीघ्र समाप्त करता है।

4. हर मंगलवार को ईष्टदेव का विशेष पूजन करना चाहिए। ईष्टदेव को प्रसन्न करने के लिए उनकी प्रिय वस्तुओं जैसे लाल मसूर की दाल, लाल कपड़े का दान करना चाहिए।

5. मंगल दोष के निवारण के लिए मूंगा रत्न भी धारण किया जाता है। रत्न जातक की जन्मकुण्डली में मंगल के क्षीण अथवा प्रबल होने या अंश के अनुसार धारण किया जाता है। अत: जन्मकुण्डली में मंगल की स्थिति  दशा के अनुसार मूंगा धारण करना चाहिए। इस सम्बन्ध में विद्वान व अनुभवी ज्योतिष से परामर्श प्राप्त करना चाहिए।

6. भाइयों की सहायता और चाचा-चाची की सेवा करने से मंगल ग्रह का शुभ फल मिलता है।

7. लाल रंग का रूमाल पास रखने से मंगल दोष का प्रभाव कम हो जाता है।

8. महिलाओं में मंगल का प्रभाव बढ़ाने के लिए तो उन्हें लाल चूडिय़ां, सिंदूर, लाल साड़ी, लाल बिंदी का प्रयोग करना चाहिए।

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