नई दिल्ली I महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शुक्रवार को महाराष्ट्र विकास आघाडी (एमवीए) सरकार के प्रमुख के रूप में अपना एक साल पूरा कर लिया। ठाकरे के लिए यह एक साल कुछ खास नहीं रहा। उन्हें पुराने राजनीतिक सहयोगी भाजपा के हमले झेलने पड़े, कोरोना महामारी के संकट को भी संभालना पड़ा। इतना ही नहीं केंद्र के साथ उनके संबंध भी खराब रहे। इसके अलावा महाराष्ट्र ने दूसरी कई परेशानियों का सामना भी किया। ठाकरे ने अपने एक साल पूरा करने के मौके पर शुक्रवार को कई मुद्दों पर पत्रकारों से बात की।

महाराष्ट्र सरकार गिर सकती है?

महाराष्ट्र में भाजपा अक्सर भविष्यवाणी करते हुए ये कहती है कि ठाकरे की सरकार ज्यादा दिन नहीं चलेगी और गिर जाएगी, जब ठाकरे से इस पर उनकी राय मांगी गई तो उनका कहना था कि उन्हें भविष्यवाणी करते रहने दें; वे व्यस्त हैं और खुश हैं। मैं उसे खराब नहीं करना चाह, जिस समय हम सरकार चला रहे हैं वह अलग है (महामारी के कारण)। दुनिया ने एक सदी के बाद ऐसी स्थिति का सामना किया है। इससे पहले जो भी सरकार चला रहा था उसे इस तरह की कठिनाइयों का सामना नहीं करना पड़ा।

केंद्र और महाराष्ट्र के रिश्ते

केंद्र सरकार और महाराष्ट्र के रिश्ते को लेकर ठाकरे बताते हैं कि भले ही सरकार चलाने वाले लोगों की पार्टी या विचारधारा महत्वपूर्ण है, लेकिन केंद्र या राज्य में निष्पक्ष रूप से काम करना सरकार का कर्तव्य है। सितंबर से, केंद्र ने पीपीई किट और एन -95 मास्क जैसी चीजों की आपूर्ति रोक दी। इससे राज्य को गभग 250-300 करोड़ रुपये की मार झेलनी पड़ी। साथ ही, लगभग 38,000 करोड़ रुपये का जीएसटी और कर विचलन बकाया अभी भी केंद्र के पास पेंडिंग है। निसर्ग चक्रवात,  बाढ़ और लगातार वर्षा जैसी प्राकृतिक आपदाओं से निपटने में भी हमें कोई सहयोग नहीं मिला।

कोरोना वैक्सीन

वैक्सीन पर बात करते हुए ठाकरे कहते हैं कि हमें एक योजना की आवश्यकता है क्योंकि टीके बनाने वाली पांच कंपनियां हैं। इसे किस तापमान पर संग्रहीत किया जाना है? कितने खुराक की आवश्यकता है? अभी तक किसी बात पर स्पष्टता नहीं है।

महाराष्ट्र सरकार की उपलब्धियां

जब पत्रकारों ने उनकी सराकर की उपलब्धियों को लेकर उनसे सवाल किया था उनका कहना था, "हमने रायगढ़ जिले के विकास पर निर्णय के साथ शुरुआत की और इसके लिए फंड्स जुटाए। एक और बड़ा फैसला था  2 लाख करोड़ तक की कृषि ऋण माफी। हमने जो भी वादे किए, उन सभी को पूरा किया है। कृषि ऋण माफी एक बड़ा फैसला था। हम किसानों की आय को दोगुना और तिगुना करने की घोषणा नहीं करते हैं या कह दें कि  'अच्छे दिन आयेंगे'।

भाजपा और मोदी के सामने खड़े हैं ठाकरे?

उनसे पूछा गया कि क्या आप भाजपा और मोदी के सामने खड़े हैं तो उन्होंने जवाब दिया कि नहीं, ऐसा कभी मेरा इरादा नहीं है। मैं लगन से काम करता हूं और जोश से मुद्दों पर बात करता हूं। मैं कभी भी व्यक्तिगत हमले नहीं करता या दुर्भावनापूर्ण इरादे से नहीं बोलता। जैसे उन्होंने मेरे परिवार पर प्रतिशोध के साथ हमला किया है ... जब हम उनके साथ थे तो हम उनके साथ अच्छे थे, हम उनके लिए प्रचार करते थे जिसके बिना उनके वोट बैंक को नहीं भरा जाता। अब देखिए कि जिस तरह से वे हमारे परिवार पर हमला कर रहे हैं ये उनकी राजनीति की विकृत प्रवृत्ति है। मैं उनके स्तर पर जाकर उन पर हमला नहीं कर सकता।

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