दो और कंपनियों से बातचीत
सूत्रों के अनुसार, पनेशिया से करार से पहले बद्दी की दो और कंपनियों डॉ. रेड्डी और हेट्रो से वैक्सीन तैयार करने के लिए रूस की ओर से बातचीत चल रही थी, लेकिन उत्तर भारत में वैक्सीन बनाने वाली पनेशिया ही एकमात्र कंपनी है. इसलिए रूस ने इसी कंपनी के साथ करार किया है. जानकारों का कहना है कि पनेशिया फार्मा कंपनी में रिसर्च एवं डेवलपमेंट प्लांट तो नहीं है, इसलिए यह कंपनी दूसरों के लिए ही काम कर सकती है. रूस भारत की दवा कंपनी मे इस वैक्सीन को तैयार कराना चाहता है,इसलिए बद्दी की कंपनी इसे तैयार करेगी.
कंपनी को तकनीक ट्रांसफर
बताया जा रहा है कि इसकी वैक्सीन बनाने के लिए कंपनी को तकनीक ट्रांसफर हो चुकी है. कंपनी के प्लांट हेड राजेश चोपड़ा ने बताया कि वह इस संबंध में जानकारी साझा नहीं कर सकते हैं. यहां जो भी हो रहा है, उसके लिए सरकार या पीएम कार्यालय केंद्र सरकार ही जानकारी दे सकती है.
क्या बोले अधिकारी
मनीष कपूर, अतिरिक्त ड्रग कंट्रोलर ने बताया कि बद्दी स्थित पनेशिया कंपनी वैक्सीन तैयार करेगी. पनेशिया उत्तर भारत की ऐसी कंपनी है जो वैक्सीन बनाती है. गौरतलब है कि हिमाचल के सोलन जिले में बड़ी फार्मा कंपनियां हैं. यहां पर एशिया की 30 फीसदी दवाओं का उत्पादन होता है. बद्दी को फार्मा हब के तौर पर जाना जाता है.
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