पीएम आज अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के दौरे पर हैं. वहां, उन्हें देव दिपावली समेत कई कार्यक्रमों में शामिल होना है. इसके अलावा आज प्रधानमंत्री कोरोना वैक्सीन पर काम कर रही भारत बायोटेक, जाइडस और सीरम इंस्टीट्यूट की टीमों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में भी बिजी हैं. पीएम मोदी की जगह पर उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू इस समिट की अध्यक्षता करेंगे.
विदेश मंत्रालय के मुताबिक, एससीओ सदस्य देशों के अलावा संगठन के चार आब्जर्वर देश अफगानिस्तान, बेलारूस, ईरान और मंगोलिया भी सम्मेलन में भाग लेंगे. अफगानिस्तान के राष्ट्रपति, ईरान के उप राष्ट्रपति, बेलारूस के प्रधानमंत्री और मंगोलिया के उप प्रधानमंत्री अपने-अपने देश का प्रतिनिधित्व करेंगे. तुर्कमेनिस्तान को भारत ने अपने विशिष्ट अतिथि के तौर पर न्योता भेजा है. उसके मंत्रियों की कैबिनेट के डिप्टी चेयरमैन शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे.
क्यों नहीं आ रहे हैं इमरान खान?
कई बार कश्मीर का मुद्दा उठाने की कोशिश में मुंह की खा चुके पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान संभवत: अब अंतरराष्ट्रीय मोर्चे पर भारतीय नेतृत्व का सामना करने से बच रहे हैं. इसी कारण शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के शिखर सम्मेलन में उनकी बजाय विदेशी मामलों के संसदीय सचिव को भाग लेने के लिए भारत भेजा जा रहा है.
इन मुद्दों पर होगी चर्चा
विदेश मंत्रालय ने कहा कि अपनी अध्यक्षता के दौरान भारत आपसी सहयोग के तीन बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित करेगा. इनमें स्टार्टअप्स व इनोवेशन, विज्ञान व तकनीक और पारपंरिक दवाइयां शामिल हैं. इसके साथ ही भारत स्टार्टअप्स पर एक विशेष कार्यकारी समूह की चेयर का गठन का भी प्रस्ताव देगा. साथ ही पारंपरिक दवाइयों के क्षेत्र में सहयोग पर एक नए विशेष कार्यकारी समूह के गठन की भी बात करेगा. विदेश मंत्रालय के मुताबिक, सम्मेलन के अंत में एक संयुक्त बयान भी जारी किया जाएगा.
पहली बार भारत कर रहा है SCO समिट की मेजबानी
बता दें कि 2017 में इस प्रभावी समूह का पूर्ण सदस्य बनने के बाद भारत पहली बार शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है. विदेश मंत्रालय के मुताबिक, सोमवार को वर्चुअल तरीके से आयोजित होने वाली एससीओ की काउंसिल ऑफ हेड्स ऑफ गवर्नमेंट की अध्यक्षता उप राष्ट्रपति वैंकेया नायडू करेंगे. इस सालाना बैठक के दौरान संगठन के व्यापार व आर्थिक एजेंडे पर निर्णय लिया जाता है.
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