भारत और चीन के सैनिकों के बीच अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) के तवांग इलाके में हुई झड़प को लेकर विपक्ष का सरकार पर हमला जारी है. मंगलवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने सरकार की तरफ से इस मामले को लेकर संसद में बयान दिया, लेकिन विपक्ष अभी भी इससे पूरी तरह से संतुष्ट नहीं है. तवांग मसले को लेकर आगे क्या रणनीति अपनाई जाए और इसे लेकर सरकार को कैसे घेरा जाए, इसके लिए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे (Mallikarjun Kharge) ने विपक्षी दलों की एक अहम बैठक बुलाई है. इस बैठक में विपक्ष के कई दलों के नेता शामिल होंगे और इस मसले को लेकर आगे की रणनीति पर चर्चा करेंगे. 

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने तवांग में भारत-चीन सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प को लेकर विपक्ष के कई दलों को बैठक में शामिल होने का न्योता भेजा है. कांग्रेस इस मुद्दे पर विपक्ष को एकजुट कर सरकार पर घेरने की कोशिश में है. वहीं, दूसरी तरफ विपक्ष के कई नेताओं का आरोप है कि भारत-चीन तनाव को लेकर उन्हें सदन में अपनी बात रखने का उचित मौका नहीं दिया गया. ज्यादातर विपक्ष के नेता सरकार के जवाब से संतुष्ट नहीं है. विपक्ष की मांग है कि तवांग मसले को लेकर सदन में चर्चा की जाए. खरगे ने इसे लेकर ही विपक्ष को एकजुट कर सरकार पर दबाव बनाने की रणनीति पर चर्चा करने के लिए विपक्ष के नेताओं को बैठक का न्योता भेजा है. 

मल्लिकार्जुन खरगे ने सरकार को घेरा

अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर के यांग्त्से में 9 दिसंबर को भारत-चीन सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने मंगलवार को सदन में सरकार पर जमकर निशाना साधा. खरगे ने सरकार पर आरोप लगाया कि वो केवल मूकदर्शक बनकर रह गई है. उन्होंने कहा कि सरकार चीन को लेकर लगातार जमीनी हकीकत की अनदेखी कर रही है. खरगे ने कहा, ''हम लगातार चीन के मुद्दे को सदन में उठाते रहे हैं. आज भी हम चर्चा कराने चाहते थे लेकिन रक्षा मंत्री ने जवाब दिया और चले गए.'' 

राजनाथ सिंह ने सदन में दिया बयान

अरुणाचल प्रदेश के तवांग में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई झड़प को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संसद में मंगलवार को बयान दिया. इस घटना को लेकर राजनाथ सिंह ने सदन को बताया, "9 दिसंबर 2022 को पीएलए सैनिकों ने तवांग सेक्टर के यांगत्से एरिया में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर अतिक्रमण कर यथास्थिति को एकतरफा बदलने का प्रयास किया. चीन के इस प्रयास का हमारी सेना ने दृढ़ता के साथ सामना किया है."

उन्होंने कहा, ''इस फेस ऑफ में हाथापाई भी हुई है. भारतीय सेना ने पीएलए को उनकी पोस्ट पर वापस जाने के लिए मजबूर कर दिया. इस झड़प में दोनों ओर के सैनिकों को चोटें भी आई हैं. इस घटना में हमारे किसी भी सैनिक की न तो मृत्यु हुई है और न ही कोई गंभीर रूप से घायल हुआ है.''

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