महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार ने इसरो के वैज्ञानिकों को बधाई दी है. अजित पवार ने कहा कि बेहद कम खर्च में पूरी योजना के साथ इस अभियान को चलाया गया है.

 महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार ने अपने कार्यालय में लैपटॉप पर चंद्रयान-3 की लैंडिंग देखी. इसका वीडियो भी उन्होंने एक्स (पहले ट्विटर) पर शेयर किया. भारत की इस सफलता के बाद अजित पवार ने जहां इसरो को बधाई दी वहीं उन्होंने यह भी बताया कि कैसे महाराष्ट्र ने इस चंद्रयान-3 में अपना योगदान दिया है जिसे हमेशा याद रखा जाएगा. 

अजित पवार ने कहा, ''चांद पर चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के साथ भारत अमेरिका, रूस और चीन के बाद विश्व की चौथी अंतरिक्ष शक्ति बन गया है. चंद्रयान-3 की सफलता ने विश्व में भारत के प्रोफाइल को ऊंचा किया है और हर भारतवासी इस ऐतिहासिक घटना पर गौरवान्वित होगा. यह वैज्ञानिकों, तकनीशियनों, शोधकर्ताओं और देशवासियों के अथक प्रयास का नतीजा है. मुंबई, पुणे, सांगली, जलगांव, बुल्डाना, वलचांदनगर, जुन्नार ने भी चंद्रयान-3 अभियान में अहम भूमिका अदा की है. यह सफलता देशवासियों की एकजुटता से हासिल हुई है. इसरो के वैज्ञानिकों, तकनीशियनों, अधिकारियों और देशवासियों को हार्दिक बधाई जिन्होंने चंद्रयान-3 मिशन में योगदान दिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में सफलता की नई ऊंचाइयां छुएगा.''

बेहद कम खर्च पर चला अभियान- अजित पवार
डिप्टी सीएम अजित पवार ने महाराष्ट्र के योगदान को गिनाते हुए कहा, ''हमें इस बात की बेहद खुशी है कि चंद्रयान-3 मिशन सफल रहा है. भारत दशकों से अंतरिक्ष में सुपरपवार की तरह काम कर रहा है. आज के मून मिशन की सफलता ने इस पर अपनी मुहर लगा दी है. यह अभियान बहुत कम खर्च पर बेहद सुनियोजित तरीके से चलाया गया है. इसरो के वैज्ञानिकों ने इस पर बहुत मेहनत की है. महाराष्ट्र ने भी इसमें योगदान दिया है.''

महाराष्ट्र के योगदान को रखा जाएगा याद- पवार
अजित पवार ने आगे कहा, ''अंतरिक्षयान के कुछ हिस्से मुंबई के गोदरेज एयरोस्पेस में तैयार हुए हैं. रॉकेट का हिस्सा सांगली में कवर किया गया था. फ्लेक्स नॉजल और बूस्टर पुणे की कंपनी में तैयार हुआ था जबकि एडी नॉजल जलगांव में बनाया गया था. बुल्डावना के खम्बगांव के सिल्वर और थर्मल फैब्रिक को चंद्रयान में इस्तेमाल किया गया. पुणे के दो वैज्ञानिक इस अभियान से सीधे तौरे पर जुड़े थे. इंदापुर का वलचांद इंडस्ट्री पिछले 50 वर्षों से इसरो के हर मिशन में योगदान देता आ रहा है. चंद्रयान-3 की सफलता में महाराष्ट्र का बड़ा योगदान है और यह हमेशा यह रखा जाएगा.''



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