एनसीपी चीफ शरद पवार की बेटी और सांसद सुप्रिया सुले ने परिवारवाद को लेकर संसद में एक बड़ा बयान दिया है. उन्होंने इस मुद्दे पर एनडीए के नेताओं को भी घेरा है.
लोकसभा में दिल्ली अध्यादेश बिल पर चर्चा हो रही है. विपक्षी पार्टियां इस बिल को लेकर दिल्ली की सत्तारूढ़ पार्टी आम आदमी पार्टी का समर्थन कर रही हैं. इस बिल पर चर्चा के दौरान सांसदों ने अपनी-अपनी राय रखी, वहीं एनसीपी की सांसद सुप्रिया सुले ने परिवारवाद का मुद्दा उठाया और सत्तारूढ़ एनडीए पर जमकर बरसीं. महाराष्ट्र के बारामती से सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि उन्हें गर्व है कि वह परिवारवाद की प्रोडक्ट हैं.
राजनीति में अक्सर परिवारवाद का मसला उठता है और सत्ता पक्ष और विपक्ष समय-समय पर एक दूसरे को घेरते नजर आते हैं. एनसीपी चीफ शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले को भी निशाना बनाया जाता है. इसलिए उन्होंने लोकसभा में इसको लेकर जवाब दिया. उन्होंने कहा, '' परिवारवाद का प्रोडक्ट हूं, मुझे इसका गर्व है. बीजेपी में जो परिवारवाद है उसका क्या? जीके वासन, कर्नाड संगामा, चिराग पासवान, दुष्यंत चौटाला जब एनडीए के बैठक में आते हैं तो क्यों कुछ नहीं कहते हैं.'' बता दें कि जिन नेताओं का जिक्र सुले ने किया है वे सभी अपने पिता की राजनीतिक विरासत आगे बढ़ा रहे हैं.
संसद में इस विधेयक को पेश करने का सुले ने किया विरोध
सुले ने लोकसभा में डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक को पेश किए जाने का भी विरोध किया. इसको लेकर दलील देते हुए सुले ने कहा कि विधेयक में शक्तियों का अत्यधिक केंद्रीकरण भारत के संघवाद की भावना के खिलाफ है. उन्होंने कहा, ''सूचना का अधिकार अधिनियम को कमजोर कर दिया गया है और इस विधेयक द्वारा भारत सरकार को पूरी तरह से संरक्षित किया गया है. विधेयक में 250 करोड़ रुपये के जुर्माने का प्रावधान है, जो कि एक एनजीओ और एक बड़े औद्योगिक घराने के लिए एकसमान है.''
पीड़ितों के मुआवजे पर नहीं है कोई बात- सुले
सुप्रिया सुले ने आगे कहा, 'विधेयक में उन पीड़ितों को मुआवजा देने पर कोई स्पष्ट बात नहीं की गई है जिनकी गोपनीयता से समझौता किया गया है. अगर बिल को मौजूदा स्वरूप में लागू किया गया तो यह नागरिकों के निजता के अधिकार पर हमला होगा. इन चिंताओं को देखते हुए मैं इस पर पुनर्विचार का आग्रह करती हूं.''
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