मुंबई में गणेश उत्सव के समापन पर धूमधाम से मूर्तियों का विसर्जन किया गया. इस बीच जुहू बीच के पास समुद्र में डूबने से एक किशोर की मौत हो गई. 



 मुंबई में 10 दिवसीय गणेश उत्सव के समापन पर गुरुवार को अनंत चतुर्दशी को विभिन्न गणेश मंडलों द्वारा ढोल-नगाड़ों और ‘गणपति बप्पा मोरया’ के जयकारों के साथ रात नौ बजे तक 20000 से अधिक प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया. वहीं, जुहू बीच के पास समुद्र में डूबने से एक किशोर की मौत हो गई. बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) के एक अधिकारी ने बताया कि रात नौ बजे तक कुल 20,195 प्रतिमाओं का विसर्जन किया जा चुका है, जिनमें घरों में स्थापित की गईं 18,772, सार्वजनिक स्थानों पर स्थापित की गईं 1019 और देवी गौरी की 304 प्रतिमाएं शामिल हैं.

एक किशोर की मौत
पुणे से प्राप्त समाचार के अनुसार मशहूर श्रीमंत दगडूशेठ हलवाई गणपति मंडल एवं अन्य मंडलों ने महाराष्ट्र के दूसरे सबसे बड़े शहर में रात नौ बजे तक प्रतिमा विसर्जन किया. बीएमसी अधिकारी ने बताया कि मुंबई में जुहू बीच के पास समुद्र में विसर्जन के दौरान डूबे हसन युसूफ शेख नाम के 16 वर्षीय लड़के को जीवनरक्षकों ने निकाला और पास के कूपर अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. बीएमसी अधिकारी ने बताया कि शाम तक पूरे महानगर में विसर्जन के दौरान किसी अन्य अप्रिय घटना की कोई सूचना नहीं है.

क्या है आंकड़े?
बीएमसी के आंकड़ों के मुताबिक 20,195 में से 7,381 प्रतिमाओं का विसर्जन नगर निकाय द्वारा स्थापित कृत्रिम तालाबों में किया गया. भगवान गणेश की विभिन्न रूपों और आकारों की सुसज्जित प्रतिमाओं को प्रार्थना, अगले बरस फिर से आने के अनुरोध, संगीत और नृत्य के साथ विसर्जन के लिए पंडालों से बाहर निकाला गया. अपने प्रिय देवता की एक झलक पाने के लिए सुबह से ही शहर के विभिन्न स्थानों पर भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी. ‘गणेश चतुर्थी’ के साथ 19 सितंबर को शुरू हुआ यह उत्सव बृहस्पतिवार को ‘अनंत चतुर्दशी’ पर अरब सागर और यहां के अन्य जलाशयों में गणपति प्रतिमाओं के विसर्जन के साथ समाप्त हो गया.

इस उत्सव को भव्यता के साथ मनाने के लिए मशहूर मुंबई के लालबाग इलाके में तेजुकाया और गणेश गली मंडलों की विसर्जन यात्रा ‘गणपति बप्पा मोरया, पुढच्या वर्षी लवकर या’ (अगले वर्ष जल्दी आना भगवान) के जयकारों के साथ शुरू हुई. प्रसिद्ध लालबागचा राजा की प्रतिमा के विसर्जन का जुलूस आकर्षण का मुख्य केंद्र रहा. उत्सव के दौरान भगवान गणेश के दर्शन के लिए सबसे अधिक भीड़ यहीं देखी गई. यहां विसर्जन यात्रा 11 बजकर करीब 30 मिनट बजे शुरू हुई और बप्पा के दर्शन के लिए बड़ी संख्या में भक्त सड़कों के दोनों ओर प्रतीक्षा करते दिखे.

लालबाग की सड़कों और गणेश प्रतिमाओं के अन्य प्रमुख जुलूस मार्गों पर हजारों लोग प्रार्थनाओं के साथ देवता को विदाई देने तथा संगीत, नृत्य और 'गुलाल' छिड़कने के साथ निकाले जा रहे जुलूसों को देखने के लिए एकत्र हुए. गणेश प्रतिमाओं पर 'पुष्पवृष्टि' (फूलों की वर्षा) देखने के लिए लालबाग की श्रॉफ इमारत में भी लोगों की बड़ी भीड़ उमड़ी थी. दक्षिण मुंबई में गिरगांव की ओर जाने वाली मुख्य सड़क पर भी भीड़ उमड़ी. इसी मार्ग से सबसे ज्यादा विसर्जन जुलूस गुजरते हैं, जिनमें फोर्ट, गिरगांव, मझगांव, भायखला, दादर, माटुंगा, सायन, चेंबूर और अन्य क्षेत्रों की गणेश प्रतिमा विसर्जन के लिए ले जाई जाती हैं. 

बीएमसी के अनुसार, त्योहार के सातवें दिन तक 1,65,964 प्रतिमाएं कृत्रिम तालाबों और विभिन्न जलाशयों में विसर्जित की गईं. इनमें घरों तथा सार्वजनिक स्थानों पर स्थापित की गई प्रतिमाएं और देवी गौरी की प्रतिमाएं शामिल हैं.

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