महाराष्ट्र में महिला ने आरोप लगाया था कि जब उन्होंने संगीत कक्षा की बढ़ी हुई फीस का मुद्दा उठाया तो उनके साथ अभद्रता की गई थी. जानिए इस बारे में बॉम्बे हाई कोर्ट ने क्या कहा है?
संगीत शिक्षक की गिरफ्तारी की पुलिस की कार्रवाई और जमानती अपराध में उसे गैर कानूनी रूप से हिरासत में लिए जाने में पुलिस की ज्यादती की गंध आती है. बंबई उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को यह टिप्पणी करते हुए महाराष्ट्र सरकार को आदेश दिया कि वह पीड़ित व्यक्ति को दो लाख रुपये का मुआवजा प्रदान करे. न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे और न्यायमूर्ति गौरी गोडसे की खंडपीठ ने नीलम संपत द्वारा दायर याचिका पर यह आदेश पारित किया. याचिका में आरोप लगाया गया था कि पुलिस ने उनके पति नितिन संपत को अवैध रूप से हिरासत में लिया और बाद में उन्हें गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन उनके खिलाफ लगे आरोप जमानती प्रकृति के थे.
क्या है मामला?
पीठ ने कहा, “यह एक ऐसा मामला है, जहां अनुच्छेद 21 के तहत नितिन के अधिकार (जमानती अपराधों में जमानत पर रिहा होने का अधिकार) का गंभीर उल्लंघन हुआ है और उच्चतम न्यायालय के आदेश का भी स्पष्ट उल्लंघन हुआ है जो कहता है कि मामलों में गिरफ्तारी केवल तभी की जानी चाहिए जब यह बिल्कुल जरूरी हो.’’ अदालत ने अपने आदेश में कहा कि मामले में बताए गए तथ्य से पुलिस की मनमानी और उसकी असंवेदनशीलता की गंध आती है, इससे कानूनी प्रावधानों के बारे में उनकी जानकारी की कमी का पता चलता है.
कोर्ट ने कही ये बात?
अदालत ने कहा कि पुलिस की इस कार्रवाई के परिणामस्वरूप याचिकाकर्ता के पति नितिन को अनुचित शारीरिक, भावनात्मक और मानसिक आघात पहुंचा है. न्यायालय ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि याचिकाकर्ता के पति नितिन के साथ हुए गंभीर अन्याय की भरपाई केवल पैसे से नहीं की जा सकती, लेकिन कुछ मुआवजा प्रदान करने और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई का निर्देश देने से याचिकाकर्ता के पति और उसके परिवार को लगे घावों पर कुछ मरहम लगेगा. याचिका के अनुसार, ताड़देव पुलिस ने 17 जुलाई को नितिन को भारतीय दंड संहिता की धारा 354ए (यौन उत्पीड़न) और 509 (महिला की गरिमा का अपमान) के आरोप में गिरफ्तार किया था.
मामले में शिकायतकर्ता महिला ने आरोप लगाया था कि जब उन्होंने संगीत कक्षा की बढ़ी हुई फीस का मुद्दा उठाया तो नितिन ने उनके साथ अभद्रता की. नितिन का वकील जमानत देने के लिए तैयार था, लेकिन पुलिस ने उसे रिहा करने से इनकार कर दिया और उसे हवालात में डाल दिया, जहां कथित तौर पर उसे निर्वस्त्र कर रातभर रखा गया. पुलिस ने नितिन को अगले दिन छोड़ा.
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