महाराष्ट्र में एनसीपी के अंदर पार्टी सिंबल की लड़ाई अब चुनाव आयोग तक पहुंच गई है. ECI इस मामले में 6 अक्टूबर को सुनवाई कर सकता है.



 एनसीपी संकट को लेकर 6 अक्टूबर को चुनाव आयोग में सुनवाई होगी. अजित पवार की शिवसेना के विभाजन को लेकर अजित पवार के बयानों के आधार पर शरद पवार का गुट चुनाव आयोग में अपना पक्ष रख सकता है. इससे 'अजितदादा' की मुश्किलें बढ़ने की आशंका है. अजित पवार ने अपने एक बयान में कहा था, जब वह विपक्ष के नेता थे तो उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में शिवसेना में फूट की बात कही थी. यदि इस संबंध में उचित निर्णय नहीं लिया गया तो इसका असर देश की छोटी पार्टियों पर पड़ेगा.

कल को यदि देश में छोटी पार्टियों के प्रतिनिधि किसी कारणवश अलग हो जाएं तो वे संबंधित पार्टी पर मुकदमा कर देंगे. राज ठाकरे की पार्टी का सिर्फ एक विधायक है. आगे चलकर अगर वे अलग भूमिका निभाते हैं तो क्या उन्हें पार्टी से संबंधित विधायक माना जाना चाहिए? 

अजित पवार की मुश्किल बढ़ने की आशंका
शरद पवार ने चुनाव आयोग को दिए अपने जवाब में कई अहम बातें रखी हैं. एकनाथ शिंदे के बगावत के बाद से अजित पवार विपक्ष के नेता के तौर पर काम कर रहे हैं. उस वक्त अजित पवार ने शिंदे की आलोचना की थी. अब शरद पवार गुट के बयान के आधार पर अजित पवार की परेशानी बढ़ने की आशंका है. शरद पवार गुट ने नौ मंत्रियों के खिलाफ याचिका दायर की है. लेकिन इन नौ मंत्रियों के अलावा 31 विधायकों के खिलाफ भी अयोग्यता याचिका दायर की गई है. इसके अलावा अजित पवार गुट की ओर से किए गए दावों को शरद पवार गुट ने भी खारिज कर दिया है.

अजित पवार गुट के सभी दावों को शरद पवार गुट ने किया खारिज
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) पार्टी और उसके चुनाव चिन्ह का विवाद चुनाव आयोग तक पहुंच गया है और इस मामले की सुनवाई 6 अक्टूबर को होगी. यह सुनवाई अजित पवार गुट की ओर से दायर याचिका को लेकर होगी. 6 तारीख की सुनवाई में शरद पवार गुट और अजित पवार गुट चुनाव आयोग के सामने अपना पक्ष रखेंगे. इससे पहले अजित पवार गुट की ओर से किए गए सभी दावों को एनसीपी के शरद पवार गुट ने खारिज कर दिया है. कहा गया है कि पार्टी में शरद पवार गुट से कोई फूट नहीं है बल्कि शरद पवार ही अध्यक्ष हैं. 

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