कांग्रेस पार्टी में नाराज नेताओं का विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है. इस बीच खबर यह है कि महाराष्ट्र कांग्रेस के बागी विशाल पाटील ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में सांगली लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने के अपने फैसले को वापस लेने को तैयार नहीं है. वह पार्टी नेतृत्व के फैसले के खिलाफ चुनाव लड़ने की जिद पर अड़े रहे हैं. उन्होंने 22 अप्रैल को अपना नामांकन वापस नहीं लिया, जो नामांकन प्रक्रिया का आखिरी दिन था. महाराष्ट्र के सांगली में 7 मई को मतदान होगा. जबकि परिणाम 4 जून को घोषित किए जाएंगे.

विपक्षी महा विकास अघाड़ी गठबंधन का हिस्सा कांग्रेस और उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) कई हफ्तों से सांगली सीट को लेकर खींचतान में चल रही थी. अंत में शिवसेना यूबीटी के पहलवान चंद्रहार पाटील को अपना उम्मीदवार बनाया गया. 

इसके बाद विश्वजीत कदम ने पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व को पत्र लिखकर विशाल पाटील को चुनाव लड़ने की अनुमति देने के लिए सेना (यूबीटी) पर दबाव बनाने को कहा, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. उनका प्रयास बेकार गया.

यूबीटी प्रत्याशी ने भी नाम नहीं लिया वापस

साथ ही शिवसेना (यूबीटी) ने भी अपना उम्मीदवार वापस नहीं लिया. मैंने एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने का फैसला किया है. पाटील ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा मुझे कुछ वरिष्ठ नेताओं के फोन आए और मुझसे अपना नामांकन वापस लेने के लिए कहा गया. मेरे परिवार के सदस्यों को प्रमुख पद देने का वादा किया गया. मैं इन प्रस्तावों के लिए आभारी हूं, लेकिन यह संघर्ष मेरा नहीं है. यह जनता का है. 

खुद को जनता का असली उम्मीदवार

मैं जनता का उम्मीदवार हूं, मैं कांग्रेस कार्यकर्ताओं के स्वाभिमान का उम्मीदवार हूं. उन्होंने कहा, मैं अब भी खुद को कांग्रेस पार्टी का उम्मीदवार मानता हूं. पाटील ने दावा किया कि कांग्रेस के कार्यकर्ता उनका समर्थन कर रहे हैं. 

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