महाराष्ट्र में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर अजित पवार की एनसीपी ने अभी से ही कमर कस ली है. एनसीपी नेता छगन भुजबल के हालिया बयानों ने गठबंधन के भीतर चर्चाओं को हवा दे दी है. भुजबल ने कहा कि उनकी पार्टी लोकसभा चुनाव के दौरान किए गए समझौतों के बाद 80-90 विधानसभा सीटों से कम पर समझौता नहीं करेगी.

भुजबल के इस बयान पर बीजेपी नेताओं ने ऐतराज जताया है. उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि 105 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते, बीजेपी अधिकांश सीटों पर चुनाव लड़ेगी. उन्होंने बीजेपी सहयोगियों को आश्वासन दिया कि सीट बंटवारे को अंतिम रूप देने के लिए एक बैठक बुलाई जाएगी.

इसी पृष्ठभूमि में अब छगन भुजबल ने आलोचना करने वाले बीजेपी नेताओं को जवाब दिया है. भुजबल ने बीजेपी नेताओं से सख्त लहजे में कहा है कि "मैं अपनी पार्टी में बोलूंगा." छगन भुजबल ने ये भी कहा कि "मैंने सीट बंटवारे का मुद्दा अपनी पार्टी की आंतरिक बैठक में उठाया था. मैं अभी मीडिया से बात नहीं करूंगा. मुझे जो भी कहना है पार्टी से कहूंगा. मैंने उन्हें केवल वह बात याद दिलाई जो उन्होंने महायुति में आने पर कही थी."

उन्होंने आगे कहा, जब आप अपनी पार्टी में बोलते हैं तो हम कहां कहते हैं? अपनी पार्टी में बोलना आपका अधिकार है. साथ ही यह मेरा अधिकार है कि मैं अपनी पार्टी में क्या कहना चाहता हूं. इस अधिकार को सभी को स्वीकार करना चाहिए. छगन भुजबल ने भी कहा कि फैसला चर्चा से होगा. लोकसभा चुनाव की तरह विधानसभा में सीटों के बंटवारे में खींचतान नहीं होनी चाहिए.

भुजबल ने कहा था कि "हमें अपने हक का हिस्सा मिलना चाहिए." अपने बयान पर बवाल मचते ही छगन भुजबल ने यू-टर्न ले लिया. महायुति के पास मेरे कथन पर बुरा मानने का कोई कारण नहीं है. बीजेपी हमारा बड़ा भाई है. तो उन्हें ज्यादा सीटें मिलेंगी. छगन भुजबल ने निष्कर्ष निकाला कि अन्य दो दलों को अच्छी सीटें मिलेंगी.

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