पुणे कार दुर्घटना केस में एक नई जानकारी सामने आई है. ससून अस्पताल के डॉक्टरों के खिलाफ लगाए गए आरोपों की जांच के लिए राज्य सरकार द्वारा गठित जांच समिति की अध्यक्षता जेजे अस्पताल की डीन डॉ. पल्लवी सापले कर रही हैं. इस बीच उन्होंने पुणे क्राइम ब्रांच के अधिकारियों से सीपी कार्यालय में मुलाकात की.
उन्होंने कहा, "आज हमने जांच की. हमने संबंधित अधिकारियों से मुलाकात की. हमें अस्पताल से विस्तृत जानकारी मिली. हमारी जांच के बाद, हम राज्य सरकार को रिपोर्ट दाखिल करेंगे. राज्य सरकार कार्रवाई करेगी... सरकार ने हमें जल्द से जल्द रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कहा है. हमने जो पूछताछ की है वह गोपनीय है. हम इस पर अधिक टिप्पणी नहीं कर पाएंगे."

महाराष्ट्र सरकार ने पुणे कार दुर्घटना मामले में एक समिति गठित की है जो किशोर न्याय बोर्ड (जेजेबी) के सदस्यों के आचरण की जांच करेगी और यह देखेगी कि क्या मामले में आदेश जारी करते हुए नियमों का पूर्णत: पालन किया गया था. एक अधिकारी ने बताया कि राज्य महिला एवं बाल विकास विभाग (डब्ल्यूसीडी) ने पिछले सप्ताह पांच सदस्यीय समिति गठित की है.

उन्होंने बताया कि इसका नेतृत्व विभाग का उपायुक्त पद का एक अधिकारी कर रहा है और इसके अगले सप्ताह तक अपनी रिपोर्ट सौंपने की संभावना है. पुणे के कल्याणी नगर में 19 मई को पोर्श कार चला रहे नाबालिग आरोपी ने एक मोटरसाइकिल पर सवार दो सॉफ्टवेयर इंजीनियर को कथित तौर पर टक्कर मार दी थी, जिससे उनकी मौत हो गयी थी. पुलिस ने दावा किया कि 17 वर्षीय आरोपी नशे की हालत में कार चला रहा था.

जेजेबी ने घटना के कुछ घंटों बाद नाबालिग को जमानत दे दी थी. उसने नाबालिग से सड़क दुर्घटनाओं पर 300 शब्दों का एक निबंध लिखने को कहा था जिसकी काफी आलोचना हुई थी. डब्ल्यूसीडी आयुक्त प्रशांत नारनवरे ने बताया कि जेजेबी में न्यायपालिका का एक सदस्य और राज्य सरकार द्वारा नियुक्त दो लोग होते हैं.

उन्होंने कहा, ‘‘हमने एक समिति गठित की है जो राज्य सरकार द्वारा नियुक्त जेजेबी सदस्यों के आचरण की जांच करेगी और यह देखेगी कि कार दुर्घटना मामले में आदेश जारी करते हुए नियमों का पूरी तरह पालन किया गया या नहीं.’’

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