बीएड टेट 2011का 68500 में शामिल होने का सपना तोड़ दिया
हाइकोर्ट की लखनऊ पीठ मे बीएड अभ्यर्थियों द्वारा टीईटी 2011 की वैलिडिटी को बढ़ाने समेत कोर्ट के समक्ष निम्न मांग करते हुए याचिका दायर की गयी थी।
एनसीटीई को निर्देश दिये जाये की वो 23 अगस्त 2010 की गाइडलाइन के पैरा 3  मे संशोधन करते हुए ट्रेनी टीचर्स (बी एड ) की समय सीमा 31 मार्च 2014 को बढ़ाए उत्तर प्रदेश सरकार को यह निर्देश दिये जाये कि वह आरटीई एक्ट के सेक्शन 23 (2) का प्रयोग करते हुए केन्द्र सरकार से टी ई टी -2011 कि वैलिडिटी को 5 वर्ष से बढ़ाकर 10 वर्ष किए जाने कि मांग करे प्राथमिक विद्यालयों कि अध्यापक भर्ती मे ट्रेनी टीचर्स (बी एड ) को भी शामिल किया जाये कोर्ट ने सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट के आदेश ( State of U.P. and others Vs. Shiv Kumar Pathak) के अनुपालन मे जारी उत्तर प्रदेश सरकार के 24 अप्रैल 2018 का हवाला देते हुए कहा कि टी ई टी -2011 पास ट्रेनी टीचर्स कि नियुक्ति प्रक्रिया अब बंद हो चुकी है कोर्ट के यह भी कहा की याचिकाकर्ता यह बता पाने मे अक्षम है कि जो मांग वो कर रहे हैं वो मांग किस नियम के तहत उचित है । राज्य सरकार को नीतिगत निर्णय लेने के लिए कोर्ट बाध्य नही कर सकती है अतः याचिका खारिज कि जाती है ।

आज की सत्ता ब्यूरो लखनऊ अनुज मौर्य की रिपोट
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