उ0प्र0 की सरकार के इशारे पर जिला प्रशासन लखनऊ ने भारी पुलिस बल लगाकर आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति के आज होने वाले धरना प्रदर्शन स्थल से टेन्ट उखड़वाया।
हजारों आरक्षण समर्थकों की आवाज दबाने के लिये सरकार का घिनौना कृत्य।
संघर्ष समिति ने टकराव टालने के लिये लखनऊ में होने वाले कार्यक्रम को किया स्थगित।
लाखों आरक्षण समर्थकों में भारी रोष कहा अगर सरकार कार्मिकों के आन्दोलन को कुचलने पर आमादा तो भविष्य में लाखों दलित कार्मिक उतरेंगे सड़कों पर और होगी आर-पार की जंग। 
उ0प्र0 सरकार के इशारे पर अभी कुछ समय पहले आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति,उ0प्र0 द्वारा पदोन्नति में आरक्षण की व्यवस्था को बहाल कराने के लिये कल प्रस्तावित प्रदेश भर में धरना किये जाने के क्रम में लखनऊ में मा0 कांशीराम ईको गार्डेन धरना स्थल में होने वाले कार्यक्रम के लिये संघर्ष समिति द्वारा लगवाये जा रहे टेन्ट को जिला प्रशासन लखनऊ द्वारा भारी पुलिस बल आलमबाग, कैन्ट, कृष्णानगर थानों की पुलिस व आर0ए0एफ0 की फोर्स के साथ एस0डी0एम0 सदर द्वारा हटवा दिया गया और कहा कि धरना स्थल पर भी आपके कार्यक्रम को नहीं होने दिया जायेगा। जब इस पर संघर्ष समिति के लोगों ने पुलिस एवं प्रशासन से बात की तो उनके द्वारा कहा गया कि ऊपर का निर्देश है और आपके कार्यक्रम की अनुमति नहीं है। जबकि निर्धारित धरना स्थल के कार्यक्रम की सूचना एल0आई0यू0 के माध्यम से 2 सप्ताह पहले ही प्रशासन को दी जा चुकी है। इस मुद्दे पर संघर्ष समिति ने अविलम्ब आपात बैठक बुलाकर फिलहाल टकराव से बचने के लिये कल होने वाले धरना प्रदर्शन को स्थगित किये जाने का निर्णय लिया है। कल हजारों की संख्या में आरक्षण समर्थक सरकार के खिलाफ अपनी आवाज बुलन्द न कर पायें इसलिये उ0प्र0 की योगी सरकार आरक्षण समर्थकों से घबरा गयी है।

आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति,उ0प्र0 के संयोजकों अवधेश कुमार वर्मा, के0बी0 राम, डा0 रामशब्द जैसवारा, आर0पी0 केन, अनिल कुमार, अजय कुमार, श्याम लाल, अन्जनी कुमार, लेखराम, एस0पी0 सिंह, महेन्द्र सिंह ने कहा कि पिछले 5 वर्षों से ज्यादा समय से संघर्ष समिति धरना प्रदर्शन, सम्मेलन, रैली आदि कार्यक्रम एल0आई0यू0 को सूचना देकर संवैधानिक तरीके से शांतिपूर्ण ढंग से करती चली आ रही है। पहली बार भाजपा सरकार में आरक्षण समर्थकों को शांतिपूर्व कार्यक्रम करने से रोका गया, जिससे पूरे प्रदेश के लाखों दलित कार्मिकों में भारी रोष है। एक तरफ सरकार द्वारा पदोन्नति में आरक्षण दिये जाने का आदेश जारी नहीं किया जा रहा है और दूसरी ओर कार्यक्रम करने से रोका जा रहा है।

नितेश चौधरी
पत्रकार
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