लोकसभा चुनाव के लिए उत्तर प्रदेश में आज छठे चरण का मतदान है. इससे पहले शुक्रवार को यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के एक बयान ने सियासी हलकों में हलचल मचा दी है. महाराजगंज की चुनावी जनसभा में सीएम ने दावा किया कि विपक्षी दलों के घोषणा पत्र में कहा गया है कि अगर सत्ता में आए तो पर्सनल लॉ लागू करेंगे. सीएम योगी का ये बयान ऐसे समय में आया है जब देश में बुर्के को लेकर घमासान मचा है. 

सीएम योगी ने कहा, पर्सनल लॉ का मतलब है- तालिबानी शासन. बेटियां स्कूल नहीं जा पाएंगी. महिलाएं बाजार नहीं जा पाएंगी. उनको बुर्का पहनना पड़ेगा. ये हिन्दुस्तान है, कोई अफगानिस्तान, पाकिस्तान थोड़े है कि कोई यहां बुर्का पहनेगा लेकिन कांग्रेस का मैनिफेस्टो की हम पर्सनल कानून लागू करेंगे. 

सीएम योगी के बयान पर घमासान तेज

यूपी में छठे और सातवें चरण की वोटिंग से पहले अब मुस्लिम पर्सनल लॉ को लेकर सियासत छिड़ गई है. तीन दिन पहले  बीजेपी की राज्य ईकाई ने दिल्ली के मुख्य चुनाव अधिकारी को बुर्के वाली वोटरों को चेक करने के लिए ज्ञापन दिया था. जिसके बाद से इस मुद्दे को लेकर चुनावी पारा चढ़ गया है. मामला दिल्ली का है..लेकिन सियासत देश भर में गरम है.

भारतीय जनता पार्टी दावा है कि बुर्के की आड़ की में फर्जी मतदान हो रहा है. दिल्ली में बुर्के में वोटिंग करने वाली महिलाओं पर नया सियासी बवाल मचा है. बीजेपी ने अब हर बूथ पर बुर्कानशीं वोटरों को चेक करने की मांग की है. इस पर सियासत 5वें गियर में है.

बीजेपी के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने शुक्रवार को इस मुद्दे पर कहा कि एक वर्ग विशेष की बहनें बुर्का पहनती हैं. उनकी आड़ में कई बार बोगस वोटिंग होती है ऐसे उदाहरण हमारे सामने हैं तो हमने कहा है कि वो बहनें जब वोट करने जाएं तो वहां महिला सुरक्षा कर्मी होनी चाहिए जो एक-एक कर उन्हें चेक करें. लखनऊ में इस मुद्दे पर सपा नेता सुमैया राणा ने कहा कि बीजेपी को हार का डर सता रहा है. 

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