पुणे में पीएम मोदी को लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. इससे पहले ये अवार्ड एनसीपी के संस्थापक शरद पवार समेत कई दिग्गज नेताओं को मिल चुका है.

 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को स्वतंत्रता सेनानी बाल गंगाधर तिलक की 103वीं पुण्य तिथि पर पुणे में लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त किया. पीएम मोदी ने आभार व्यक्त करते हुए कहा, 'यह मेरे लिए एक यादगार पल है.' कार्यक्रम के दौरान उन्होंने शरद पवार के साथ मंच साझा किया और एनसीपी प्रमुख के साथ खुलकर बातचीत भी की.

क्या है लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार?
लोकमान्य तिलक नेशनल अवार्ड को भारतीय स्वतंत्रता कार्यकर्ता बाल गंगाधर तिलक की विरासत का सम्मान करने के लिए प्रदान किया जाता है. यह पुरस्कार 1983 में तिलक स्मारक मंदिर ट्रस्ट द्वारा गठित किया गया था. यह उन लोगों को दिया जाता है जिन्होंने राष्ट्र की प्रगति और विकास के लिए काम किया है और जिनके योगदान को केवल उल्लेखनीय और असाधारण के रूप में देखा जा सकता है. यह पुरस्कार हर साल 1 अगस्त को प्रदान किया जाता है, जो बाल गंगाधर तिलक, जिन्हें लोकमान्य तिलक के नाम से भी जाना जाता है, की पुण्य तिथि है.

पीएम मोदी 41वें प्राप्तकर्ता
ट्रस्ट का कहना है कि पीएम मोदी को इस पुरस्कार के 41वें प्राप्तकर्ता के रूप में चुना गया है, जिसमें उनके असाधारण नेतृत्व और नागरिकों के बीच देशभक्ति की भावना को बढ़ावा देने के उनके प्रयासों की मान्यता में एक स्मृति चिन्ह और प्रशस्ति पत्र शामिल है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मंगलवार को लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया. वह इस पुरस्कार के 41वें प्राप्तकर्ता हैं.

NCP के संस्थापक शरद पवार को लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार
शरद पवार पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री हैं, और उन्होंने 1999 में NCP की स्थापना भी की थी. वह 1980 में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने और चार कार्यकाल तक कार्यरत रहे. कृषि मंत्री के रूप में उनके कार्यों के लिए उन्हें 2016 में लोकमान्य तिलक पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. ये पुरस्कार इंदिरा गांधी, अटल बिहारी वाजपेई, डॉ. मनमोहन सिंह और प्रणब मुखर्जी (पूर्व राष्ट्रपति) जैसे दिग्गज नेताओं को भी दिया जा चुका है.



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